तेलंगाना चुनाव से ठीक पहले BJP को एक और बड़ा झटका, पूर्व सांसद विवेक वेंकटस्वामी कांग्रेस में हुए शामिल
राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ने कहा कि विवेक के शामिल होने से बीआरएस को सत्ता से हटाने में कांग्रेस को और मजबूती मिलेगी। वहीं विवेक ने कहा कि वह किसी पद या टिकट के लिए कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं बल्कि केसीआर सरकार को सत्ता से बाहर करना मकसद है।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य में बीजेपी को एक और झटका लगा है। पूर्व सांसद और बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य जी विवेक वेंकटस्वामी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। विवेक ने तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को संबोधित अपने पत्र में लिखा, "भारी मन से, मैं भारतीय जनता पार्टी से अपना इस्तीफा देता हूं।" एक अन्य वरिष्ठ नेता कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी के कांग्रेस में लौटने के एक हफ्ते से भी कम समय बाद विवेक का बीजेपी से बाहर होना सामने आया है।
बाद में विवेक ने शमशाबाद के नोवोटेल होटल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी में शामिल हो गए। अपने बेटे वामसी कृष्णा के साथ पूर्व सांसद ने राहुल गांधी से मुलाकात की, जो इस समय तेलंगाना में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। इस दौरान तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी और अन्य नेता उपस्थित थे।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि विवेक के शामिल होने से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को सत्ता से हटाने के अपने काम में कांग्रेस पार्टी को और मजबूती मिलेगी। वहीं विवेक ने कहा कि वह किसी पद या टिकट के लिए कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं बल्कि केसीआर सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए काम करने के लिए शामिल हुए हैं। विवेक ने आरोप लगाया कि पिछले 10 साल से केसीआर सरकार लोगों की भलाई के लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, ''सभी को एक साथ आने और इस बुरे शासन को खत्म करने की जरूरत है।''
पिछले कई हफ्तों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि विवेक कांग्रेस पार्टी में वापसी की योजना बना रहे हैं। उनके बेटे को 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में लड़ने के लिए कांग्रेस का टिकट मिलने की संभावना है। दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जी वेंकटस्वामी के बेटे विवेक 2019 में टीआरएस (अब बीआरएस) छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। पेद्दापल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिए जाने के बाद उन्होंने तेलंगाना सरकार के सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया था और सत्तारूढ़ पार्टी छोड़ दी थी।
उद्योगपति विवेक ने कम से कम छह बार वफादारी बदली है। वह 2009 में पेद्दापल्ली निर्वाचन क्षेत्र से संसद के लिए चुने गए थे। बाद में वह तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए टीआरएस में शामिल हो गए थे। फिर 2014 में संसद में तेलंगाना विधेयक पारित होने के बाद वह कांग्रेस में लौट आए। वह 2016 में फिर से टीआरएस में चले गए और 2019 में पार्टी छोड़कर बीजेपी के प्रति वफादार हो गए।
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