रालेगण सिद्धी में अन्ना ने मोदी सरकार के खिलाफ फूंका बिगुल, लोकपाल और लोकायुक्त की मांग को लेकर अनशन शुरू
महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धी में अनशन शुरू करने से पहले अन्ना ने कहा था कि मेरा यह अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष, पार्टी के विरोध में नहीं है। समाज और देश की भलाई के लिए मैं बार-बार आंदोलन करता आया हूं। उसी प्रकार का यह आंदोलन भी है।
महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धी गांव में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अनशन शुरू कर दिया है। केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग को लेकर अन्ना अनशन कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों की मांगों को भी सरकार से तुरंत पूरे किए जाने की मांग की है।
इससे पहले मंगलवार को अन्ना ने कहा था, “लोकपाल कानून को बने हुए 5 साल हो गए और नरेंद्र मोदी सरकार 5 साल बाद भी इसे लागू नहीं करा पाई, बार-बार बहानेबाजी करती है। अगर नरेंद्र मोदी सरकार के दिल में इसे लागू कराने का इरादा होता तो क्या पांच साल में यह लागू नहीं होता।”
अन्ना ने कहा था, “मेरा अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष, पार्टी के विरोध में नहीं है। समाज और देश की भलाई के लिए मैं बार-बार आंदोलन करता आया हूं। उसी प्रकार का यह आंदोलन भी है।”
इससे पहले अन्ना हजारे ने 22 जनवरी को एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपने आमरण अनशन का ऐलान किया था। प्रेस कांफ्रेंस में मोदी सरकार के राफेल डील पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था कि वह 30 जनवरी से अपने गांव रालेगण सिद्धी में भूख हड़ताल करेंगे और सरकार द्वारा मांगें पूरी होने तक इसे जारी रखेंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल कानून को लागू नहीं करने पर मोदी सरकार की निंदा करते हुए कहा था कि देश पर तानाशाही लागू होने का खतरा मंडरा रहा है।
लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना हजारे की यह तीसरी भूख हड़ताल है। सबसे पहले वह कई सिविल सोसायटी समूहों के साथ अप्रैल 2011 में पहली बार दिल्ली के रामलीला मैदान में अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे। उसके बाद पिछले साल मार्च में भी अन्ना हजारे और उनके समर्थकों ने लोकपाल कानून लागू करने की मांग को लेकर एक हफ्ते भूख हड़ताल की थी।
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