दीपक पूनिया की हार से नाराज कोच ने रेफरी को पीटा, टोक्यो ओलंपिक से बाहर, फेडरेशन ने भी किया निष्कासित
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक से चूके भारतीय पहलवान दीपक पूनिया के कोच मोराड गेड्रोव पर रेफरी रूम में जाकर मैच के रेफरी को पीटने का गंभीर आरोप लगा है। इसके बाद गेड्रोव को ओलंपिक से बाहर कर दिया गया है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी निष्कासित कर दिया है।
टोक्यो ओलंपिक से भारतीय पहलवान दीपक पुनिया के कोच मोराड गेड्रोव को निष्कासित करते हुए खेल गांव से बाहर दिया गया है। आरोप है कि 86 किलो वर्ग कुश्ती में कांस्य पदक के मुकाबले में दीपक पुनिया की नाजेम मायलेस हार के बाद गेड्रोव अपना आपा खो बैठे और उन्होंने रेफरी के रूम में जाकर मैच में फैसला देने वाले रेफरी पर हमला कर दिया।
जानकारी के मुताबिक यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिेंग ने इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समित से शिकायत की, जिसके बाद समिति ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से तुरंत कार्रवाई करने को कहा। इस पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गेड्रोव को निष्कासित कर दिया। पहले रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गेड्रोव को चेतावनी देकर छोड़ दिया था। लेकिन जब यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने गेड्रोव के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूछा तो भारतीय फेडरेशन ने गेड्रोव को निष्कासित कर दिया।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से गेड्रोव के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने उनकी मान्यता खत्म कर दी और इसके बारे में भारत को भी अवगत करा दिया। आईओसी ने गेड्रोव को तुरंत खेल गांव छोड़ने का फरमान भी जारी कर दिया है।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के मुताबिक गेड्रोव पहले भी लगातार ऐसी हरकतें करते रहे हैं। उनकी इन हरकतों के लिए उन्हें पहले भी चेतावनी दी जा चुकी है। इससे पहले साल 2004 में एथेंस ओलंपिक के दौरान गेड्रोव ने क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी पर हमला कर दिया था, जिसके चलते उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था। गेड्रोव अपने समय के जाने-माने पहलवान रहे हैं। उन्होंने बीजिंग ओलंपिक में 74 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था।
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