यूपी के बिजनौर में दिखी ईमारदारी की मिसाल, आबिद ने हिफाजत से लौटाया नितिन का लाखों रुपयों से भरा बैग
आबिद कहते हैं कि अगर इन 3 लाख 14 हजार रुपये की जगह पर 3 करोड़ रुपयों से भरा बैग भी मेरे हाथ आता तो भी वो उसे उसके असली हकदार तक पहुंचाते। मेरा मजहब किसी दूसरे के सामान पर कब्जा करने से मना करता है, जो जिसका हक है उसे मिलना ही चाहिए।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में ईमानदारी की एक बेहतरीन मिसाल सामने आई है। यहां के एक व्यक्ति ने सड़क पर पड़ी मिली 3 लाख 14 हजार रुपये की रकम को उसके असली हकदार को ढूंढकर उसे वापस किया है। इसके लिए उस ईमानदार व्यक्ति को काफी मशक्कत भी करनी पड़ी। जिस व्यक्ति ने यह रकम वापस की है, उसका नाम आबिद सिद्दीकी है और जिस व्यक्ति की यह रकम थी, उसका नाम नितिन कुमार है।
यह घटना मंगलवार की है। बिजनौर में चांद पुर मार्ग से सटे गंज कस्बे में टाइल्स व्यापारी आबिद सिद्दीकी की दुकान के सामने सड़क पर किसी की बाइक से एक पैसों से भरा बैग गिर गया था। जानकारी करने पर पता चला कि यह बैग उसी इलाके में रहने वाले एक किराना व्यापारी नितिन कुमार का था, जो सामान खरीदने बाजार की तरफ गए थें, लेकिन सामान न मिल पाने के कारण वो वापस अपनी दुकान की ओर लौट रहे थें। इसी दौरान दुर्भाग्यवश उनका नोटों से भरा बैग नीचे गिर गया। इस बैग को व्यापारी आबिद ने उठाकर अपने पास अमानत के तौर पर रख लिया और बाइक सवार को तलाशने में लग गए।
24 घंटे के अथक प्रयत्न के बाद आखिरकार आबिद ने बैग के सही मालिक को तलाश लिया। आबिद बताते हैं कि नितिन कुमार की जब आबिद सिद्दीकी से मुलाकात हुई तो नितिन लगातार रोए जा रहे थें और बार-बार आबिद का धन्यवाद कर रहे थें। नितिन के लिए उस बैग की रकम काफी मायने रखती थी, क्योंकि वह उसकी जिंदगी भर की कमाई का फल था। आबिद ने उसे गले लगाकर उसका बैग लौटा दिया।
आबिद के अनुसार उन्हें रात भर पैसों के असली हकदार के बारे में सोच-सोचकर नींद नही आई थी। उन्हें लगातार ये चिंता सता रही थी कि अभी पैसों के मालिक के ऊपर क्या गुजर रही होगी। आबिद ने बताया कि "करीब 11 बजे के समय, जब मेरा लड़का दुकान के पास खड़ा था तो उसने तेज गति से जाती हुई बाइक से एक बैग टूटकर नीचे गिरते देखा, शायद स्पीड ब्रेकर की वजह से बैग नीचे गिर गया होगा।"
आबिद आगे बताते हैं, "पहले तो काफी देर तक बैग वैसे ही पड़ा रहा लेकिन फिर मेरे लड़के ने मुझे बैग के बारे में बताया तो मैने उसे बैग उठाकर लाने को कहा। उस बैग में 2 हज़ार और 500 के काफी नोट पड़े थे।" आबिद बताते हैं कि उसके बाद उन्होंने बैग को अपने पास रख लिया और मुहल्ले और आसपास के लोगों में बैग के मालिक को लेकर पूछताछ करवाई। आबिद के मुताबिक उन्होंने इस बात को सोशल मीडिया से दूर रखा ताकि कोई झूठा दावेदार न आ जाए।
हालांकि आबिद ने स्थानीय प्रभावी लोगों को इसके बारे में बता दिया। आबिद कहते हैं कि "मुझे ये अंदाज़ा था कि बाइक से कोई सामान्य आदमी ही जा रहा होगा तो बैग का असली हकदार भी कोई ज्यादा अमीर व्यक्ति नही होगा क्योंकि अधिक अमीर आदमी इस रकम को ले जाने के लिए कार का इस्तेमाल करता। आबिद के अनुसार उसने बैग के मालिक को ढूंढने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया और आखिरकार उन्हें जल्द सफलता भी मिली।
नितिन ने पैसों को लेकर आबिद के सामने कुछ जानकारियां दीं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि बैग उनका ही है जिसके बाद उन्हें बैग सौंप दिया गया। आबिद कहते हैं कि अगर इन 3 लाख 14 हज़ार रुपए की जगह पर 3 करोड़ रुपयों से भरा बैग भी मेरे हाथ आता तो भी वो उसे उसके असली हकदार तक पहुंचाते। मेरा मज़हब किसी दूसरे की सामान पर कब्ज़ा करने से मना करता ह, जो जिसका हक है उसे मिलना ही चाहिए।
बिजनौर के रहने वाले फहीम शैख ने बताया कि आबिद की ईमानदारी की चर्चा पूरे बिजनौर में हो रही है। आबिद चाहते तो वो इस बैग को आसानी से हड़प सकते थे। रात होने की वजह से उन्हें किसी ने नहीं देखा था। फिर वो अपनी तरफ से प्रयास भी नहीं करते, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया और बेहतरीन ईमानदारी का नमूना पेश किया। बिजनौर के ही विनय शर्मा ने भी आबिद की तारीफ करते हुए कहा कि इंसानियत इसी का नाम है। वो आबिद को सलाम करते हैं।
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