पासवान-कुशवाहा को साथ लिए बिना शाह-नीतीश ने किया सीट बंटवारे का ऐलान, बराबर सीटों पर लड़ेंगे बीजेपी-जेडीयू
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि दोनों पार्टियां बिहार में बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। लेकिन खास बात ये है कि सीट बंटवारे के लिए दिल्ली में इन दोनों की बैठक के बारे में एनडीए में शामिल एलजेपी और आरएलएसपी को कोई खबर भी नहीं थी।
बिहार की 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे का ऐलान करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और नीतीश कुमार ने कहा कि दोनों ही पार्टियां बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी और अन्य पार्टियों को सम्मानजनक सीट दिए जाएंगे। लेकिन खास बात ये है कि सीट बंटवारे के लिए दिल्ली में अमित शाह और नीतीश कुमार की बैठक के बारे में एनडीए में शामिल रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी एलजेपी और आरएलएसपी को कोई खबर भी नहीं थी।
एनडीए में शामिल एलजेपी और आरएलएसपी जहां अभी तक सीट बंटवारे के लिए बातचीत के बुलावे का इंतजार कर रही हैं, वहीं जेडीयू और बीजेपी ने शुक्रवार को बैठक करके सीट बंटवारे का ऐलान भी कर दिया। शुक्रवार को प्रसांत किशोर औऱ आरसीपी सिंह के साथ दिल्ली पहुंचे नीतीश कुमार ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ लंबी बैठक की। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने बाहर आकर ऐलान किया कि एनडीए में सीटों का बंटवारा हो चुका है और बीजेपी और जेडीयू राज्य की बराबर सीटों पर लड़ेंगी। हालांकि अमित शाह ने पूछे जाने पर कहा कि एनडीए में शामिल अन्य दलों को सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी। लेकिन उन सहयोगी दलों को बैठक में नहीं बुलाने के बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा।
बीजेपी-जेडीयू के इस फैसले पर अनभिज्ञता जताते हुए उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के प्रवक्ता फजल इमाम मलिक ने इस तरह की किसी बैठक की जानकारी होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सीटों पर बत तो तब होगी जडब चारों पार्टियां एक साथ बैठेंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में सबी नेताओं के व्यस्त रहने की वजह से सीटों को लेकर कई बैठक नहीं हुई है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनो से मीडिया में खबरें चल रही थीं कि बीजेपी और जेडीयू के बीच बिहार की सीटों का बंटवारा हो गया है, जिसके तहत अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी बिहार की 17 और जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं पासवान की एलजेपी को 5 और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी को 2 सीटें दी गई हैं। खबरों के मुताबिक बीजेपी और जेडीयू में सीट बंटवारे पर ये सहमति सितंबर के दूसरे सप्ताह में दिल्ली में पीएम मोदी, अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की एक बैठक में ही बन गई थी।
हालांकि बिहार एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे की इन खबरों पर रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी लगातार इनकार कर रही थीं। एलजेपी और आरएलएसपी दोनों ही दलों का यही कहना था कि अभी तक बिहार में सीट बंटवारे की कोई बात नहीं हुई है। दोनों दल लगातार यही कहते रहे थे कि सीटों की संख्या पर बात तभी होगी जब सीट बंटवारे पर कोई बात हो अभी सारी बातें सिर्फ हवा में चल रही हैं।
लेकिन अब इस ताजा घटनाक्रम ने बिहार एनडीए के अंदर जारी कलह को उजागर कर दिया है। एक तरफ जहां एनडीए के घटक और केंद्रीय मंत्रियों रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए बुलाए जाने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं जेडीयू और बीजेपी ने अकेले ही बैठक कर सीट बंटवारे का फार्मूला तय़ कर लिया और उसका एलान भी कर दिया। यह बिहार एनडीए के घटक दलों में जारी मनमुटाव को साफ उजागर करता है।
बता दें कि इससे पहले बीते 16 सितंबर को पटना में जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने ही यह कहकर एनडीए के घटक दलों में सनसनी फैला दी थी कि बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर सम्मानजनक समझौता हो गया है। हालांकि उस दौरान उन्होंने सीटों का खुलासा नहीं किया था। तभी से इस तरह के कयास लगाए जाने लगे थे कि बीजेपी और जेडीयू में सीटों का बंटवारा तय हो गया है, जिसमें एलजेपी और आरएलएसपी को नजरअंदाज किया गया है। अब इन खबरों पर यकीन करें तो इस सीट बंटवारे से बिहार एनडीए के दो अहम घटक दलों एलजेपी और आरएलएसपी को सीधा नुकसान होता दिख रहा है। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 30, एलजेपी ने 7 और आरएसएलपी ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से बीजेपी ने 22, एलजेपी ने 6 और आरएसएलपी ने तीनों सीटें जीती थीं। वहीं जेडीयू ने अलग चुनाव लड़ा था।
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