ओमिक्रॉन के कहर और बढ़ते संक्रमण के बीच मजदूरों के पलायन का जानें हाल, बस स्टैंड पर अब ऐसे हैं हालात
कौशांबी बस स्टैंड प्रभारी राकेश यादव ने बताया कि, पड़ोसी राज्य में मामले बढ़ने से सब कुछ अभी सामन्य है। किसी तरह का कोई पलायन नहीं हो रहा है। यदि कोरोना इससे ज्यादा बढ़ा तो शायद स्थिति बन जाए। लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं।
ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली येलो एलर्ट पर है, वहीं विभिन्न पाबंदियां भी लगाई गई हैं, हालांकि इन सबके बीच अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या मजदूर फिर दिल्ली से पलायन करना शुरू कर रहे हैं या नहीं ?
जब दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड और गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टैंड पर इस बात का पता लगाने की कोशिश की तो अलग-अलग पहलू निकल कर सामने आए। बस अड्डों पर सामान्य रूप से भीड़ नजर आई।
इनमें कुछ यात्री अपने परिजनों की शादी में शामिल होने दिल्ली जा रहे तो कुछ नए साल के कारण परिवार और दोस्तों के साथ अपने घर की ओर निकल पड़े हैं। बस स्टैंड पर खड़े कई बस चालकों की मानें तो अभी इस तरह के हालात नहीं बने हैं कि कोई पलायन करने पर मजबूर हो। फिलहाल बसों में सामान्य भीड़ है और कभी-कभी कम भी हो जाती है।
दिल्ली से गोरखपुर बस चलाने वाले सुदेश कुमार ने बताया कि, दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद पलायन की स्थिती उतपन्न नहीं हुई है। अभी सामान्य रूप से चीजें चल रही हैं।
अपने परिवार के साथ दिल्ली में बहन की शादी में शामिल होने आए अजीम खान बताते हैं कि, दिल्ली में अपनी एक बहन की शादी में शामिल होने आए हैं। अभी कोरोना का डर है लेकिन भागने वाली स्थिति नहीं है और ऐसी स्थिति होनी भी नहीं चाहिए।
कौशांबी बस स्टैंड प्रभारी राकेश यादव ने बताया कि, पड़ोसी राज्य में मामले बढ़ने से सब कुछ अभी सामन्य है। किसी तरह का कोई पलायन नहीं हो रहा है। यदि कोरोना इससे ज्यादा बढ़ा तो शायद स्थिति बन जाए। लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं।
दरअसल इससे पहले कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रवासी मजदूर पलायन करने पर मजबूर हुए थे। हाल यह था कि बस अड्डों पर भारी भीड़ देखी गई थी।
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