'अमर जवान ज्योति' का नेशनल वॉर मेमोरियल के साथ विलय, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ले जाई गई ज्योति

इंडिया गेट पर आज से अमर जवान ज्योति नहीं दिखेगी। इसे नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति के साथ विलय कर दिया गया। यह ज्‍योति देश के वीर जवानों की शहादत की प्रतीक है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

इंडिया गेट पर आज से अमर जवान ज्योति नहीं दिखेगी। इसे नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति के साथ विलय कर दिया गया। यह ज्‍योति देश के वीर जवानों की शहादत की प्रतीक है। पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया गया। गौरतलब है कि वर्ष 1971 के युद्ध में जो जवान शहीद हुए थे, उनकी याद में ये लौ (अमर जवान ज्‍योति) जलाई गई थी।

अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति के साथ विलय का कार्यक्रम 3.30 बजे के करीब शुरू हुआ। अमर जवान ज्योति को मशाल वाहक द्वारा नेशनल वार मेमोरियल ले जाया गया। मार्च पास्ट के साथ अमर जवान ज्योति को स्मारक की ओर ले जाया गया। बता दें, 26 जनवरी 1972 को इंदिरा गांधी ने अमर जवान ज्योति ने यह लौ जलाई थी, जिसे अब 50 साल बाद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ले जाया गया।


मोदी सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने विरोध भी किया था। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था कि यह 'इतिहास को बुझाने जैसा है, और अपराध से कम नहीं है।' कांग्रेस सांसद ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "अमर जवान ज्योति को बुझाना इतिहास को बुझाने के समान है, क्योंकि यह उन 3,483 बहादुर सैनिकों के बलिदान का अपमान करता है, जिन्होंने पाकिस्तान को 02 भागों में विभाजित किया और विभाजन के बाद दक्षिण एशिया के नक्शे को फिर से बनाया।"

बता दें कि इंडिया गेट पर लगी शाश्वत ज्वाला को 50 साल बाद शुक्रवार को बुझा दिया गया। अमर जवान ज्योति के रूप में जानी जाने वाली शाश्वत ज्वाला 1972 में इंडिया गेट आर्च के नीचे 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाई गई थी।

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