अलवरः पहलू खान हत्याकांड के गवाहों पर कोर्ट जाने के दौरान हुआ जानलेवा हमला, फायरिंग में बाल-बाल बचे बेटे
पहलू खान हत्याकांड में गवाही देने गाड़ी से अदालत जा रहे चश्मदीद गवाहों पर जानलेवा हमला हुआ है। अलवर में एनएच-8 पर हमलावरों की तरफ से गवाहों पर फायरिंग की गई। गवाहों में पहलू खान के दो बेटे भी शामल हैं।
राजस्थान के अलवर में पिछले साल मॉब लिंचिंग का शिकार हुए पहलू खान की हत्या के चश्मदीद गवाहों पर जानलेवा हमला हुआ है। इस दौरान हमलावरों ने उनपर फायरिंग भी की। हालांकि, इस हमले में सभी गवाह सुरक्षित बच गए हैं। मामले की शिकायत अलवर के एसपी से कर दी गई है, जिसपर उन्होंने एक टीम गठित कर घटनास्थल पर जांच के लिए भेजी है।
घटना के समय गवाहों के साथ गाड़ी में मौजूद वकील और सामाजिक कार्यकर्ता असद हयात ने बताया कि पहलू खान की हत्या के गवाह अजमत, रफीक और पहलू खान के बेटे इरशाद और आरिफ के साथ वे सभी लोग एक गाड़ी से कोर्ट में गवाही के लिए बहरोड़ जा रहे थे। उन्होंने कहा, “जैसे ही हमले निमराना पार किया, एक काले रंग की बिना नंबर की स्कॉर्पियो ने हमें रोकने के लिए ओवरटेक करने की कोशिश की। गाड़ी में मौजूद लोग हाथ से रुकने के लिए कह रहे थे। लेकिन गाड़ी पर कोई नंबर प्लेट नहीं होने की वजह से हमने गाड़ी नहीं रोकी। इसके बाद उनकी गाड़ी हमारे काफी करीब आ गई और वे हमें गालियां देते हुए गाड़ी रोकने के लिए कहने लगे। जब इसके बाद भी हम नहीं रुके तो उन्होंने हम पर गोली चला दी।”
असद हयात ने बताया कि इसके बाद उन हमलावरों से बचने के लिए उन लोगों को यू टर्न लेना पड़ा। लेकिन फिर भी वे गोलियां चलाते रहे, लेकिन फिर भी ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी और तेजी से भगाता रहा। इसके बाद वे हमलावर बहरोर की तरफ चले गए। असद हयात ने बताया कि वे लोग अदालत जाने की बजाय वापस अलवर आए और इलाके के कई लोगों के साथ जाकर अलवर के एसपी राजेंद्र कुमार से मिलकर उनको घटना की शिकायत दी। उन्होंने बताया कि एसपी ने उनके ब्यान दर्ज कर लिए हैं और घटनास्थल की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की एक टीम गठित कर भेजी गई है। वहीं उनके साथ हुई घटना की सूचना अदालत को भी दे दी गई है।
पहलू खान के बेटे इरशाद खान ने कहा कि अगर हमलोग भी मारे जाएंगे तो गवाही कौन देगा। इरशाद ने कहा, “हमें बहरोड़ पुलिस पर भरोसा नहीं है, क्योंकि इस मामले में एफआईआर में नामजद 6 लोगों को उन्होंने पहले ही क्लीनचीट दे दिया है।” पहलू खान के बेटे ने मांग की केस को बहरोड़ से कहीं और स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
बता दें कि पिछले साल 1 अप्रैल को अलवर में मवेशी लेकर जा रहे पहलू खान की गौरक्षकों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। घटना के समय पहलू खान के बेटे इरशाद औऱ आरिफ के साथ अजमत औऱ ररफीक भी उसी ट्रक में मौजूद थे। इस हमले में बुरी तरह घायल हुए पहलू खान की मौत हो गई थी।
अप्रैल 2017 में हरियाणा के नूह के रहने वाले पहलू खान अपने बेटों और गांव के दो लड़कों के साथ जयपुर के पशु मेला से पालने क लिए गाय खरीदकर ला रहे थे, क्योंकि उनका दूध का काम है। जब वे सभी अलवर जिला के बहरोड़ के करीब पहुंचे तो बड़ी संख्या में कथित गौरक्षकों ने उनके टेंपो को जबरन रोक लिया और सभी के साथ मारपीट करने लगे। अजमत, रफीक और पहलू के दोनों बेटों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचा ली, लेकिन 55 वर्षीय पहलू खान बूढ़े होने के कारण नहीं भाग सके। बाद में उपचार के दौरान पहलू खान की मौत हो गई थी। पुलिस ने पहलू खान की मौत से पहले लिए बयान पर करीब डेढ दर्जन नामजद लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। उसी मामले में सभी गवाह वकील असद हयात के साथ शनिवार को बहरोड़ अदालत में गवाही देने जा रहे थे।
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