सोशल मीडिया पर राहुल-प्रियंका का लॉकडाउन तोड़ने का वीडियो फर्जी, दिसंबर के वीडियो पर ऑल्ट न्यूज ने सामने रखी सच्चाई
सोशल मीडिया के कुछ हिस्सों में एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने कोरोना लॉकडाउन और धारा 14 का उल्लंघन किया। लेकिन असलियत यह है कि यह वीडियो दिसंबर महीने का है।
सोशल मीडिया पर 90 सेकेंड का एक वीडियो प्रचारित किया जा रहा है। इस वीडियो में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक गाड़ी में बैठे हैं और पुलिस उन्हें रोक रही है। वीडियो में सुना जा सकता है कि पुलिस वाले कह रहे हैं कि धारा 144 लीगी हुई है। लेकिन इस वीडियो के साथ कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि “कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन और धारा 144 को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लॉकडाउन के दौरान कानून तोड़ रहे हैं।”
ईगल आई नाम के एक ट्विटर हैंडल ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा कि “राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कानून तोड़ रहे हैं। मेरठ रोड पर मोहिद्दीन पुर के नजदीक ड्राइवर ने ड्यूटी पर तैनात सीओ पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की।”
इस वीडियो को कई फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया ग्रुप में शेयर किया गया।
फेक न्यूज की पोल खोलने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने इस वीडियो की सच्चाई जानी। ऑल्ट न्यूज ने गूगल पर कीवर्ड सर्च के जरिए पता लगाया कि यह वीडियो दिसंबर 2019 का है, जिसके बारे में कई मीडिया संस्थानों ने खबरें भी दिखाई थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी और प्रियंका गांधी 24 दिसंबर को मेरठ गए थे, यह उसी दौरान का वीडियो है। उस दौरान पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोका था।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में लिखा था, “यूपी पुलिस ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को मेरठ में दाखिल होने से उस समय रोका जब वे सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने जा रहे थे।”
रिपोर्ट में आगे कहा गाया कि मेरठ सिटी के एसपी अखिलेश नारायण ने बताया कि इलाके में धारा 144 लगी हुई है। पुलिस के मुताबिक “पुलिस ने राहुल और प्रियंका गांधी को एक नोटिस भी दिया जिसमें कहा गया था कि इलाके में धारा 144 लागू है और मेरठ एक संवेदनशील शहर है।” रिपोर्ट में राहुल गांधी का बयान भी लिखा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि, “हमने पुलिस से नोटिस दिखाने को कहा था जिसमें हमें रोकने के आदेश हों, लेकिन पुलिस ऐसा कोई नोटिस नहीं दिखा सकी और हमें वापस जाने को कहा।
न्यूज 18 ने भी 24 दिसंबर को 17 सेकेंड का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था कि पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मेरठ जाने से रोका।
इस तरह यह साबित हो गया कि दिसंबर 2019 के वीडियो को हाल का बताकर प्रचारित किया जा रहा है। गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को सामने आया था।
(यह रिपोर्ट सबसे पहले ऑल्ट न्यूज पर प्रकाशित हुई थी)
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