कर्नाटक में RSS और उसके संगठनों को सरकारी संपत्तियां देने की होगी समीक्षा, कांग्रेस सरकार जल्द उठाएगी कदम
मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि बीजेपी सरकार में बड़ी संख्या में सरकारी संपत्ति आरएसएस से जुड़े संस्थानों और संगठनों को दी गई थीं। अब यह सत्यापित करना होगा कि इनमें उचित प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं और अब क्या किया जा सकता है।
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने आज कहा पिछली बीजेपी सरकार के दौरान आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े संस्थानों को बहुत सारी सरकारी संपत्तियां दी गई थीं। कांग्रेस सरकार इन सौंपी गई संपत्तियों फिर से विचार करेगी और इनकी समीक्षा करेगी। हालांकि, इस मुद्दे को लेकर राज्य में बीजेपी की ओर से नया राजनीतिक विवाद खड़ा किए जाने की संभावना है।
दिनेश गुंडू राव ने कहा, हमें उन सभी चीजों पर फिर से विचार करना होगा, यह सत्यापित करना होगा कि क्या वे कानूनी रूप से किए गए थे और उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था और अब क्या किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में सरकारी संपत्ति उन संस्थानों और संगठनों को दी गई हैं जो आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े हुए हैं।
मंत्री दिनेश गुंडू राव ने यह भी घोषणा की कि 108 एंबुलेंस की सेवाएं प्रदान करने के लिए जीवीके कंपनी को दिया गया अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। प्रदेश में डायलिसिस की व्यवस्था ठीक नहीं है और इस संबंध में एक अनुबंध भी रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में काम का पैटर्न बदला जा रहा है। अधिकारियों, डॉक्टरों के काम के पैटर्न को बदलना होगा। कुछ नीतिगत मामलों को भी बदलना होगा। कांग्रेस ने कहा था कि वह पिछली बीजेपी सरकार के दौरान हुए कथित गलत कामों की जांच करवाएगी।
वहीं, सिद्धारमैया सरकार ने कहा है कि उसने आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार, बीजेपी के प्रतिष्ठित व्यक्ति वीर सावरकर पर लिखे गए ग्रंथों और दक्षिणपंथी लेखकों के ग्रंथों को हटाने के लिए पाठ्यपुस्तक संशोधन अभ्यास शुरू कर दिया है। आरोप लगाया गया है कि बीजेपी सरकार ने कर्नाटक में अपने कार्यकाल के दौरान हिंदुत्ववादी संगठनों को भूमि और संपत्तियां भी प्रदान की हैं।
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