उत्तर प्रदेश: ऐतिहासिक इलाहाबाद अब हो गया अतीत, प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, संतों ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने का प्रस्ताव रखा था। मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने के समर्थन में कहा कि जहां दो नदियों का संगम होता है उसे प्रयाग कहा जाता है।
उत्तर प्रदेश में सरकारी इमारतों और जगहों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है। योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदल दिया है। इलाहाबाद अब प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा। सीएम योगी अदित्यनाथ की कैबिनेट ने इलाहाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने पहले ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन करने की सिद्धांत रूप में मंजूरी दे दी थी।
यूपी सरकार के मुताबिक, संतों ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने का प्रस्ताव रखा था। मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने के समर्थन में कहा, “जहां दो नदियों का संगम होता है उसे प्रयाग कहा जाता है। उत्तराखंड में भी कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग हैं। ऐसे में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना सही होगा।”
मुगल बादशाह अकबर के राज इतिहासकार और अकबरनामा लिखने वाले अबुल फज्ल बिन मुबारक के अनुसार, 1583 में अकबर ने प्रयाग में एक बड़ा शहर बसाया और संगम की अहमियत को समझते हुए इसे ‘अल्लाह का शहर’, इल्लाहाबास नाम दिया। अबुल फज्ल बिन मुबारक ने लिखा है, “अकबर ने इलाहाबाद फोर्ट का निर्माण कराया, जिसे सबसे बड़ा किला माना जाता है। जब देश पर अंग्रेजों ने हुकूमत शुरू की तो रोमन लिपी में इसे ‘अलाहाबाद’ लिखा जाने लगा।
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