इलाहाबाद हाईकोर्ट को लगता है, 'गाय के कल्याण से ही होगा देश का कल्याण', कहा- गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे केंद्र
इलाहाबाद हाईकोर्ट को लगता है कि गाय के कल्याण से ही देश का कल्याण हो सकता है और केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी गौ हत्या के एक आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कही।
इलाहाबाद हाईकोर्ट केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट की एकल जज बेंच के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल एक आरोपी की जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह सुझाव दिया। आरोपी जावेद पर गौहत्या का आरोप है। कोर्ट ने कहा जमानत अर्जी पर बहस के दौरान टिप्पणी की कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और गौरक्षा को हिंदुओं का मौलिक अधिकार दिया जाना चाहिए।
न्यायालय ने कहा कि हर देशवासी का फर्ज है कि वह गाय का सम्मान करें और उनकी सुरक्षा भी करें। ध्यान रहे कि इससे पहले राजस्थान उच्च न्यायालय भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुझाव दे चुका है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह केंद्र सरकार के साथ समन्वय में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिस आरोपी की जावेद की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की उस पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ एक गाय चुराई और जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी। उसे शिकायतकर्ता ने टॉर्च की रोशनी में देखा था जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था। आरोपी को बाद में गिरफ्ताप कर लिया गया था और वहआठ मार्च 2021 से जेल में बंद है।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि गाय देस की संस्कृति का अभिन्न अंग है और इसकी रक्षा होनी चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि, "गौरक्षा किसी एक धर्म का काम नहीं है, बल्कि इसकी रक्षा भारत की संस्कृति की रक्षा है जिसे हर नागरिक को, वह किसी भी धर्म का हो, करना चाहिए।" कोर्ट ने कहा कि, "जब गाय का कल्याण होगा तभी देश का कल्याण होगा।"
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