पूरे देश के आतंकवादी बीजेपी दफ्तर में बैठे हैंः राबड़ी देवी
उपचुनाव नतीजों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अररिया के आंतकवादियों का अड्डा बनने वाले बयान पर पलटवार करते हुए राबड़ी देवी ने कहा कि पूरे देश के आंतकवादी बीजेपी के दफ्तर में बैठे हैं।
बिहार में अररिया लोकसभा सीट पर बीजेपी को मिली करारी हार पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह के विवादित बयान पर पलटवार करते हुए राबड़ी देवी ने करारा जवाब दिया है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि पूरे देश के आंतकवादी बीजेपी के दफ्तर में बैठे हैं।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अररिया उपचुनाव में आरजेडी उम्मीदवार सरफराज आलम की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अररिया अब आतंकवादियों का गढ़ बन जाएगा। समाचार एजेंसी से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, “अररिया केवल सीमावर्ती इलाका नहीं है। यह केवल नेपाल और बंगाल से नहीं जुड़ा हुआ है। उन्होंने एक कंट्टरपंथी विचारधारा को जन्म दिया है, यह बिहार के लिए नहीं पूरे देश के लिए खतरा होगा। अररिया आतंकवादियों का गढ़ बन जाएगा।”
केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि देश के सारे आतंकवादी बीजेपी के दफ्तर में बैठे हैं। उन्होंने कहा, “पूरे देश के आतंकवादी बीजेपी दफ्तर में बैठे हैं। जनता ने जवाब दे दिया है, इसलिए बौखलाए हुए हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश की जनता रास्ता दिखा रही है। वाणी को वश में रखें और अररिया की जनता से माफी मांगें, वरना जनता 2019 में माफ नहीं करेगी।” राबड़ी देवी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को तत्काल गिरिराज सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।
गिरिराज सिंह के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह व्यक्ति केंद्रीय मंत्री हैं और दुर्भाग्य से इनको इस बात की जानकारी नहीं है कि बिहार और दिल्ली में उनकी ही सरकारें हैं। तेजस्वी ने आगे कहा, “अगर वह और बीजेपी को नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है तो क्यों नहीं वह उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहते हैं या अपना समंर्थन क्यों नहीं वापस ले लेते हैं। नीतीश कुमार के लिए कितने शर्म की बात है।”
अपने दूसरे ट्वीट में इस बयान को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने लिखा, “गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के बयानों पर गोडसे समर्थक नीतीश कुमार घुटन नहीं, खुलापन महसूस कर मिठाई बंटवाते हैं। इसलिए तो तेजस्वी से नफरत थी, क्योंकि गिरिराज से पुराना प्यार जो था।”
वहीं आरजेडी के नये साथी और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने गिरिराज सिंह के बयान पर कहा कि मेरा सरकार से अनुरोध है कि वहां किसी प्रकार की घटना ना हो, इसके लिए वे पहले से एहतियात बरतें। वहां पर सिर्फ मुसलमान ही तो नहीं रह रहे हैं, अनुसूचित जाति और अन्य लोग भी तो रह रहे हैं। वहां कहां से आईएसआईएस का गढ़ हो जाएगा।
वहीं, इस विवाद पर बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी आतंकवाद और नक्सलवाद को राजनीतिक चश्मे से नहीं, कानून के नजरिए से देखती है।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि अररिया को लेकर बीजेपी के किसी नेता ने इस तरह का विवादास्पद बयान दिया हो। बिहर में हुए उपचुनाव से पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर जिले में आरजेडी का प्रत्याशी जीतता है तो यह क्षेत्र आईएसआईएस का अड्डा बन जाएगा। इस बयान को लेकर नित्यानंद राय के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है।
बता दें कि 14 मार्च को आए उपचुनाव के नतीजों में बिहार में तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में अररिया लोकसभा और जहानाबाद विधानसभा सीट पर जहां आरजेडी ने जीत दर्ज की, वहीं भभुआ सीट पर बीजेपी को कामयाबी मिली। हालांकि, इन सभी सीटों पर पहले से जिस पार्टी का कब्जा था, उपचुनाव के परिणाम में भी वही स्थिति बरकरार रही है। अररिया लोकसभा सीट पर आरजेडी के सरफराज आलम ने करीब 61 हजार वोट से बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को पराजित किया। अररिया की सीट सरफराज आलम के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मो तस्लीमुद्दीन के निधन से खाली हुई थी। हालांकि, सरफराज आलम जेडीयू से विधायक थे, लेकिन गठबंधन में यह सीट बीजेपी के हिस्से में जाने के बाद उन्होंने चुनाव से ठीक पहले जेडीयू और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर आरजेडी का दामन थाम लिया था।
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