NDA में सबकुछ ठीक नहीं? बिहार में घटक दलों में दलितों के शुभचिंतक बनने को लेकर 'खींचतान'!

एनडीए के घटक दल बीजेपी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) इस दौरान सीधे तौर पर किसी का नाम तो नहीं ले रहे है लेकिन इशारों ही इशारों में एक-दूसरे पर कटाक्ष करने से नहीं चूक रहे हैं। हम ने तो बीजेपी के कुछ नेताओं पर सीधे सरकार को अस्थिर करने का आरोप तक लगा दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में दलित वोटबैंक को रिझाने को लेकर अंदर ही खींचतान प्रारंभ हो गई है। एनडीए के घटक दल बीजेपी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) इस दौरान सीधे तौर पर किसी का नाम तो नहीं ले रहे है लेकिन इशारों ही इशारों में एक-दूसरे पर कटाक्ष करने से नहीं चूक रहे हैं। इस बीच, बुधवार को हम ने तो बीजेपी के कुछ नेताओं पर सीधे सरकार को अस्थिर करने का आरोप तक लगा दिया और एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने तक की मांग कर डाली।

हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने यहां कहा, '' बीजेपी के कुछ नेता सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। एनडीए में अब कोऑर्डिनेशन कमिटी बननी चाहिए, नहीं तो हालात खराब हो सकते हैं।''उन्होंने कहा कि ऐसे नेता सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर, विपक्ष को मौका दे रहे हैं।


माना जा रहा है कि दोनों दल दलित वोटबैंक को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटे हैें। कहा जा रहा है कि यही कारण है कि दोनों दल इन मतदाताओं के लिए खुद को बड़ा शुभचिंतक बताने में लगे हैं।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने दो दिन पूर्व कहा कि दलितों के खिलाफ अल्पसंख्यकों की तरफ से लगातार उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं और ऐसे में पुलिस की भूमिका भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि रामगढ़वा के धनगढ़वा गांव में सूचना मिली कि दलित समाज के लोगों के रास्ते को कुछ अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने ईंट की दीवार बनाकर बंद कर दिया है। उन्होने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों में इस तरह की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं।

इधर, राज्य के मंत्री जनक राम ने कहा, ''राज्य के विभिन्न जिलों में महादलित समुदाय की लड़कियों को कथित तौर पर अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कर उनका निकाह कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने गोपालगंज और जमुई के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है।''

इधर, हम के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, '' पूर्णिया की घटना के बाद वहां के मुस्लिम समाज के लोगों ने दलित समाज के भाईयों के पक्ष में खड़े रहकर बता दिया कि सूबे के दलित-मुस्लिम एकजुट है । ''उन्होंने कहा कि दलित-मुस्लिम एकता से जिन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है वही बिहार सरकार के उपर उंगली उठा रहे हैं। बिहार में कानून अपना काम कर रहा है।


गौरतलब है कि पूर्णिया के बायसी के मंझवा गांव में कुछ दिनों पहले महादलित परिवारों के कई घरों में आग लगा दी गई थी, जिसे बीजेपी मुद्दा बनाए बैठी है। ऐसे में हम के प्रवक्ता रिजवान के बीजेपी के नेताओं पर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप के बाद एनडीए में नया बखेडा प्रारंभ होने के आसार हैं।

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