मोदी सरकार के रोजगार के आंकड़े छिपाने पर अखिलेश का पीएम पर हमला, बोले- बेरोजगार ‘विकास’ पूछ रहा, कोई काम मिलेगा
रोजगार के मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नरेगा के तहत तीनों के वर्करों को वेतन नहीं मिला। 45 वर्षों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है लेकिन जिनके पास नौकरी है, उन तक को पैसे नहीं मिले।
रोजगार के मुद्दे पर आलोचना झेल रही केंद्र की मोदी सरकार ने अब माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनरी एजेंसी (मुद्रा) योजना के तहत नौकरियों से जुड़े डेटा को छिपाने की कोशिश की है। इस बीच रोजगार के मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “बीएसएनएल, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नरेगा के तहत तीनों के वर्करों को वेतन नहीं मिला। 45 वर्षों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है लेकिन जिनके पास नौकरी है, उन तक को पैसे नहीं मिले। आंकड़े छुपा कर बीजेपी ने पैसे प्रचार पर खर्च किए पर अब देश को ‘प्रचारमंत्री नहीं नया प्रधानमंत्री चाहिए’।”
अखिलेश यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “बेरोजगार ‘विकास’ पूछ रहा है, कहीं कोई काम मिलेगा? खेतिहर ‘विकास’ पूछ रहा है, कब मेहनत का दाम मिलेगा और कारोबारी ‘विकास’ पूछ रहा है, इस कागजी सरकार से छुटकारा कब मिलेगा।”
वहीं मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर देश में रोजगार से जुड़े सवाल को दबाने की कोशिश शुरू कर दी है। केंद्र की मोदी सरकार की माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनरी एजेंसी (मुद्रा) योजना के तहत कितनी नौकरियां पैदा की गईं, इससे जुड़े लेबर ब्यूरो के सर्वे के आंकड़े फिलहाल सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे। इसे 2 महीने के लिए टाल दिया गया है।
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गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार दिया जाएगा। अब नए सरकार के लिए एक महीने के अंदर लोकसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में मोदी सरकार द्वार रोजगार देने के वादे को लेकर सवाल उठने लगे हैं। मुद्रा की रिपोर्ट से पहले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2019 में बेरोजगारी दर 7.2 फीसदी तक पहुंच गई थी। यह सितंबर 2016 के बाद की उच्चतम दर था, फरवरी 2018 में बेरोजगारी दर 5.9 प्रतिशत रही थी।
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