यूपी विधानसभा में अखिलेश ने उठाई जातीय जनगणना की मांग, आवार पशुओं की समस्या पर भी योगी सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने छुट्टा जानवरों की समस्या उठाते हुए कहा कि योगी सरकार के मंत्री विदेशों में गए थे। क्या किसी ने वहां सड़कों पर सांड़ देखा? निवेश की बात करने वाले शहर तक साफ नहीं कर पा रहे हैं और लखनऊ तक की सड़कों पर सांड नजर आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिना जातीय जनगणना के सबका साथ सबका विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि सरकार इससे पीछे क्यों हट रही है। उन्होंने कहा कि एसपी ने पहले भी मांग की है और अब भी इसके पक्ष में हैं कि यूपी में जातिगत जनगणना की जानी चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि जब बिहार में जातीय जनगणना हो सकती है तो तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं हो सकती। दक्षिण भारत के बड़े नेता भी चाहते हैं। हमारी मांग है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। आप अगर जातीय जनगणना के खिलाफ हैं, तो आउटसोर्सिंग के खिलाफ क्यो नहीं? बजट में आप डेटा सेंटर बना रहे हैं, तो फिर क्यों जातीय जनगणना नहीं होनी चाहिए। ओपी राजभर से अखिलेश यादव ने पूछा कि आप जाति जनगणना चाहते हैं। ओपी राजभर ने कहा कि बिलकुल हम चाहते हैं। मंत्री संजय निषाद से अखिलेश यादव ने पूछा तो उन्होंने कहा कि विसंगतियां दूर होनी चाहिए। न हम पिछड़े हैं, न दलित हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने छुट्टा जानवरों की समस्या उठाते हुए कहा कि योगी सरकार के मंत्री विदेशों में गए थे। क्या किसी ने वहां सड़कों पर सांड़ देखा? निवेश की बात करने वाले शहर तक साफ नहीं कर पा रहे हैं और लखनऊ तक की सड़कों पर सांड नजर आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि सड़कों पर छुट्टा जानवरों के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। मेरी सरकार से मांग है कि सड़क हादसों के मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने सदन में ‘यूपी में का बा’ की गायिका नेहा सिंह राठौर को पुलिस द्वारा नोटिस देने पर सवाल उठाए। अखिलेश ने कहा कि मुझ पर भी गाने बने, आलोचना हुई पर हमने किसी के लिएभी पुलिस से नोटिस नहीं भिजवाई। अखिलेश ने कहा कि मैं शायद पहला मुख्यमंत्री हूं जिसने अपने ऊपर बने कार्टून की पुस्तिका का लोकार्पण किया। उन्होंने बीजेपी विधायकों की तरफ तंज कसते हुए कहा कि आप लोगों पर कभी कार्टून नहीं बन सकता है क्योंकि आप सब खुद ही कार्टून हो।
अखिलेश यादव ने यूपी में इंवेस्टर्स समिट आयोजित करने पर कहा कि सरकार यहां पर मेला न लगाए। सदन को ये बताया जाए कि अभी तक कितना निवेश हुआ है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि जो भी सूट और टाई पहने हुए था उससे एमओयू करवा लिया। एमओयू की क्या विश्वसनीयता है सरकार जवाब दे। अखिलेश ने सदन में कटाक्ष करते हुए कहा कि आप चुनाव जरूर जीत जाते हैं पर आपकी सरकार की कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है।
अखिलेश ने सदन को संबोधित करते हुए बीजेपी सरकार को 2017 में संकल्प पत्र में किए गए वादों की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। सरकार ने गन्ना किसानों को 14 दिनों में भुगतान का वादा किया था लेकिन ये वादे पूरे नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि दिल्ली और लखनऊ के बीच कुछ गड़बड़ चल रहा है इसलिए दिल्ली वाले लखनऊ वालों का काम नहीं करते और लखनऊ वाले दिल्ली वालों का।
अखिलेश यादव ने कहा कि एक्सप्रेस वे पर अगर समाजवादियों ने इस तरह का डिजाइन नहीं किया होता तो प्रधानमंत्री जी का हरक्यूलिस वहां नहीं उतर पाता। समाजवादियों के एक्सप्रेस वे केवल शहरों को जोड़ने के लिए ही नहीं, गांवों को भी जोड़ना था, लेकिन सरकार ने एलाइनमेंट बदल दिए। गंगा एक्सप्रेस वे भी इनकी नहीं बहुजन सरकार की थी। देश के दूसरे प्रदेशों को एक्सप्रेस वे को केंद्र पैसा दे रहा, लेकिन यूपी को क्यों नहीं।
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