अखिलेश-जयंत ने मुजफ्फरनगर और मेरठ में किया संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस, बोले- हम किसान के बेटे, उनके लिए करेंगे काम
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण में 10 फरवरी को मतदान है। इसे देखते हुए अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की आज की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को बेहद अहम माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि पश्चिमी यूपी से यह गठबंधन बीजेपी के लिए बड़ा सिरदर्द पैदा करने वाला है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने संयुक्त रूप से मेरठ और मुजफ्फरनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर चुनाव प्रचार का आग़ाज़ किया। कोरोना के चलते बड़ी रैलियों पर रोक के चलते मीडिया और डिजिटल माध्यम से दोनों नेताओं ने अपनी बात कही। यहां अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के एक नेता थूक लगाकर पर्चे बांट रहे हैं मगर उनपर महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा है।
मुजफ्फरनगर में 3 घंटे देरी से पहुंचे अखिलेश यादव ने बताया कि जानबूझकर उनके हेलिकॉप्टर को अनावश्यक रूप से रोककर देरी की गई जबकि उनके सामने एक बीजेपी नेता को जाने दिया गया। अधिकारी सरकार के इशारे पर अपनी मनमानी कर रहे हैं। चुनाव आयोग को निष्पक्ष होकर कार्य करना चाहिए। अखिलेश ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना बेल्ट में किसानों पर केंद्रित मुद्दों पर बात की।
बीजेपी नेताओं द्वारा ध्रुवीकरण की साजिशों और मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े मनगढ़ंत वीडियो वायरल होने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास आज भी नया कुछ नहीं है। वो विकास के मुद्दे पर बात करने से हिचकती है। यहां गंगा-जमुनी तहज़ीब वाली संस्कृति है। समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर किसानों के तमाम हितों का ध्यान रखा जाएगा।
किसानों के विरुद्ध लाए गए कृषि कानून को उत्तर प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर गन्ने के मूल्य में बढ़ोत्तरी की जाएगी। पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाएगी। 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देंगे। अखिलेश यादव ने गन्ने का बकाया भुगतान सरकार बनने के 15 दिन के भीतर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त दी जाएगी। किसानों के लिए एमएसपी पर खरीद के इंतजाम करेंगे। इसके अलावा गन्ने के भुगतान के लिए किसानों को इंतजार न करना पड़े इसके लिए फार्मर कॉरपस फंड और फॉर्म रिवाल्विंग फंड बनाए जाएंगे।
मेरठ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की बातचीत पूरी तरह से किसानों पर केंद्रित रही। अखिलेश यादव ने दिवंगत चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा किसान हित की बात की और सरकार को जगाने के लिए प्रयास किए। एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि वो चुनाव आयोग में बीजेपी के इशारे पर काम करने वाले अधिकारियों की शिकायत करेंगे। साथ ही जयंत चौधरी से भी कहेंगे कि वो भी सत्ता के इशारे पर काम करने वाले अधिकारियों की शिकायत करें।
बीजेपी की तरफ से ध्रुवीकरण की कोशिशों पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम विकास की बात करने वाले हैं। हमारी सरकार जनहित में बहुत अच्छे और बड़े काम करेगी। अखिलेश यादव ने अपनी सरकार की लैपटॉप वितरण जैसी योजनाओं को भविष्य में सरकार आने पर जारी रखने की बात कही।
मुजफ्फरनगर में अखिलेश यादव के आमद का समय एक बजे निर्धारित किया गया था मगर वो साढ़े तीन घंटे देरी से पहुंचे। मेरठ में उनकी प्रेस कांफ्रेंस का समय 3 बजे निर्धारित किया गया था, मगर वो वहां भी चार घंटे देरी से पहुंचे। दोनों जगह अखिलेश यादव ने अपने हेलीकॉप्टर को अनुमति न मिलने की बात कहकर सरकारी तंत्र की आलोचना की।
वहीं, जयंत चौधरी ने कहा कि कोरोना का नाम लेकर सत्ताधारी पार्टी खुलेआम अपनी मनमानी कर रही है। विपक्षी दलों को कोरोना की पाबंदी के नाम पर सीमित किया जा रहा है जबकि सत्तापक्ष खुलेआम प्रचार कर रहा है। हमारे रथों को परमिशन नहीं दी जा रही है, जबकि बीजेपी के लोगों को खुली छूट मिली हुई है।
यूपी चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को चुनाव है। प्रथम चरण के इस चुनाव को देखते हुए अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की इस साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। जानकारों का मानना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सपा और रालोद गठबंधन बीजेपी के लिए बड़ा सिरदर्द पैदा करने वाला है।
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