राजधानी दिल्ली में बेहद खराब स्तर पर पहुंची हवा, अभी से आसमान में छायी धुंध की काली चादर

इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल रेड होते ही अपने-अपने वाहनों को बंद कर दें। केजरीवाल ने कहा कि ऐसा करने से दिल्ली की हवा में मौजूद हानिकारक पीएम10 के कण डेढ़ लाख टन तक काम हो सकते हैं।

फाइल फोटोः IANS
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आसिफ एस खान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को इस सप्ताह दूसरी बार वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। पूर्वी दिल्ली जिले में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया। इस प्रदूषण के कारण गुरुवार की सुबह से राजधानी के आसमान में धुंध की काली चादर छायी रही। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर के समय 320 पर दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने 0-50 रेंज में हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 400 से अधिक को गंभीर श्रेणी में वर्गीकृत किया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली के 36 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से 25 स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि आठ स्टेशनों ने सूचकांक को 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया, एक ने 'मध्यम' श्रेणी में दर्ज किया, जबकि दो काम नहीं कर रहे थे। पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके के स्टेशन ने सबसे अधिक प्रदूषित हवा 373 पर दर्ज की, इसके बाद शादीपुर में 361 और पटपड़गंज और मुंडका क्षेत्र में 357 दर्ज की गई। लोधी रोड में सबसे कम वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया।

दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रही। वर्तमान में ग्रेटर नोएडा की हवा इन सभी में सबसे अधिक प्रदूषित रही।
देश भर में 15 शहरों में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब है। सूची में उत्तर प्रदेश का बागपत सबसे ऊपर है, इसके बाद राजस्थान का भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद आदि हैं।

इस बीच दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि राजधानी की सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल रेड होते ही वाहन चालक अपने-अपने वाहनों को बंद कर दें। ऐसा करने से दिल्ली का प्रदूषण तेजी से नीचे जा सकता है। केजरीवाल ने कहा कि लालबत्ती पर गाड़ी बंद कर देने से दिल्ली की हवा में मौजूद हानिकारक पीएम10 के कण (पार्टिकल्स) डेढ़ लाख टन तक काम हो सकते हैं।

केजरीवाल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने से होने वाले प्रदूषण को लेकर हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन प्रदूषण कम करने की कोशिश जरूर कर रहे हैं। इसके लिए हमने गुरुवार से एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान का नाम है 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ'।" मुख्यमंत्री ने कहा, "दिल्ली में लगभग एक करोड़ वाहन पंजीकृत हैं। इनमें से अगर 30-40 लाख वाहन भी रोज सड़कों पर निकलते हैं तो रेडलाइट पर उनके खड़े रहने से कितना धुआं निकलता होगा। इसलिए आज से सिग्नल पर रेडलाइट होते ही गाड़ी बंद कर दीजिए। हम सभी यह संकल्प लें कि रेडलाइट पर हम गाड़ी ऑफ रखेंगे।"

बता दें कि जमीन पर होने वाला वायु प्रदूषण खासकर सर्दियों में ज्यादा नुकसानदेह है। गर्मियों में तो धुआं ऊपर चला जाता है, यानी प्रदूषित हवा ऊपर चली जाती है, लेकिन सर्दियों में धुआं ज्यादा ऊपर नहीं जा पाता। इसी तरह धूल और धुआं मिली हुई प्रदूषित हवा जमीन की सतह से थोड़ा ही ऊपर, यानी हमारे इर्दगिर्द मौजूद रहती है। यही कारण है कि दिल्ली के आसमान पर अभी से धुंध की काली चादर दिखाई देने लगी है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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