दिल्ली में फिर बढ़ा वायु प्रदूषण का कहर, ग्रेप 3 लागू, बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास, इन वाहनों पर प्रतिबंध
दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल एलएमवी वाहन के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही पूरे एनसीआर में स्टोन क्रशरों का संचालन और दिल्ली के आसपास ईंट-भट्ठे बंद करने का आदेश दिया गया है।
राजधानी दिल्ली में एक बार फिर वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। शुक्रवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक्यूआई 401-450 तक पहुंच गया। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में ग्रेप का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। साथ ही छोटे बच्चों को प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए ऑनलाइन क्लास चलाने का आदेश दिया गया है। यह आदेश पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेप-3 के तहत सभी खनन और संबंधित गतिविधियां बंद होगी। पूरे एनसीआर में स्टोन क्रशरों का संचालन बंद कर दिया जाएगा। दिल्ली के आसपास ईंट-भट्ठे बंद किए जाएंगे। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के संचालन पर कड़ा प्रतिबंध लगाया गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) 401-450 के बीच है। ग्रेप 3 के अनुसार 8-सूत्रीय कार्य योजना शुक्रवार से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
इसमें सड़कों की मशीनीकृत वैक्यूम-आधारित सफाई की बारंबारता को और तेज़ करना। हॉटस्पॉट, धूल को रोकने के साथ-साथ दैनिक पानी का छिड़काव सुनिश्चित करना, और निर्दिष्ट स्थलों, लैंडफिल में एकत्रित धूल का उचित निपटान सुनिश्चित करना, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को और बढ़ावा देना, गैर व्यस्त समय में यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए किराए की उचित दरें लागू करना शामिल है।
इसके अलावा निर्माण और तोड़-फोड़ की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक रहेगी। पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण और तोड़-फोड़ की गतिविधियों पर कड़े प्रतिबंध लागू करने को कहा गया है। रेलवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे और राष्ट्रीय सुरक्षा की परियोजनाओ का काम चालू रहेगा। लंबी सार्वजनिक परियोजनाएं जैसे राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, विद्युत पारेषण और वितरण, पाइपलाइन आदि का कार्य भी किया जा सकेगा।
हालांकि, उपरोक्त छूट में निर्माण और तोड़-फोड़ में धूल की रोकथाम करनी होगी और नियंत्रण मानदंडों के कड़े अनुपालन करने होंगे। बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम नहीं हो सकेगा। फैब्रिकेशन और वेल्डिंग,तोड़फोड़, निर्माण सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग, कच्चे माल का मानवीय रूप से या कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से स्थानांतरण व फ्लाई ऐश के स्थानांतरण को प्रतिबंधित किया गया है।
इसके अलावा कच्ची सड़कों पर वाहनों की आवाजाही, बैचिंग प्लांट का संचालन, ओपन ट्रेंच प्रणाली द्वारा सीवर लाइन, वॉटरलाइन, ड्रेनेज कार्य और विद्युत केबल बिछाने का कार्य, टाइल्स, पत्थरों और अन्य फर्श सामग्री को काटना और ठीक करना, पीसने की गतिविधियां, ढेर लगाने का कार्य, वाटर प्रूफिंग कार्य, पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग आदि का कार्य, सड़क निर्माण, मरम्मत कार्य, फुटपाथ, रास्ते और सेंट्रल वर्ज आदि को पक्का करने के काम को प्रतिबंधित किया गया है।
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी निर्माण परियोजनाओं के लिए, गैर-प्रदूषणकारी, गैर-धूल पैदा करने वाली गतिविधियां जैसे प्लंबिंग कार्य, विद्युत कार्य, बढ़ईगीरी से संबंधित कार्य और आंतरिक साज-सज्जा कार्य (पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य आदि को छोड़कर) को जारी रखने की अनुमति है।
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