कृषि कानूनः सरकार संशोधन और एमएसपी पर लिखित आश्वासन के लिए तैयार, किसानों के साथ अहम वार्ता जारी
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसानों और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत जारी है। बैठक में जाने से पहले सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह कृषि कानूनों में कुछ संशोधनों और एमएसपी पर लिखित आश्वासन के लिए तैयार है।
मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसानों का आंदोलन आज 10वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच मुद्दे के हल के लिए आज किसानों और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत चल रही है। वहीं बैठक से पहले संकेत मिले हैं कि सरकार कृषि कानूनों में संशोधनों और एमएसपी पर किसानों को लिखित में आश्वासन देने के लए तैयार है, जिसका प्रस्ताव बैठक में किसानों के समक्ष रखा जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार आज की बैठक से पहले शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस पर फैसला लिया गया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए। सरकार ने तय किया है कि वह एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार है। साथ ही सितंबर में बनाए गए 3 नए कृषि कानूनों में विवादास्पद संशोधनों के लिए भी सहमत है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, सरकार ने एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने के लिए किसानों की मांग को 'कार्यकारी आदेश’ के जरिये, ना कि कानून के द्वारा स्वीकार करने का फैसला किया है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर पिछले 10 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच पहले हुईं 4 वार्ताओं के बाद भी अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। इसके बाद आज पांचवें दौर की वार्ता मध्य दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 2 बजे से शुरू हुई है। इस बैठक में लगभग तीन दर्जन किसान नेताओं का एक समूह भाग ले रहा है।
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने पांच-सूत्री मांगें रखी हैं, जिनमें एमएसपी पर एक विशिष्ट कानून का निर्धारण, अवशिष्ट-जलाने पर कोई सजा नहीं, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना, प्रस्तावित विद्युत (संशोधन) अधिनियम- 2020 के बारे में आपत्तियों का निपटारा करना और एमएसपी पर लिखित आश्वासन देना शामिल है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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