कृषि मंत्री की किसानों के नाम 8 पन्नों की चिट्ठी, 8 आश्वासन देते हुए लिखा- कुछ लोग किसानों को बहका रहे हैं
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम लिखी 8 पन्नों की चिट्ठी में आरोप लगाया है कि कुछ लोग किसानों को कृषि कानूनों को लेकर बहका रहे हैं। उन्होंने एमएसपी का आश्वासन देते हुए कहा है कि वे भी किसान परिवार से आते हैं और सब समझते हैं।
किसान आंदोलन की गूंज सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। सरकार के मंत्री सिर जोड़ कर बैठे हैं और किसान आंदोलन का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं किसानों की सीधी मांग है कि तीनों विवादित कृषि कानून वापस लिए जाएं। ऐसे में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम 8 पन्नों की एक चिट्ठी लिखी है। ट्विटर पर जारी इस चिट्ठी में उन्होंने किसानों को 8 आश्वासन दिए हैं। तोमर ने जो आश्वासन दिए हैं उनमें मोटा-मोटी वही पुरानी बातें हैं जो सरकार पहले प्रस्ताव में कह चुकी है। यानी एमएसपी जारी रहेगी, मंडियां चलती रहेंगी आदि।
नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार एमएसपी पर किसानों को लिखित आश्वासन देने को तैयार है, साथ ही आरोप लगाया है कि कुछ लोग राजनीति के लिए भर्म फैला रहे हैं। उन्होंने कहा है कि मौजूदा सरकार बिना किसी भेदभाव के काम करती है।
कृषि मंत्री ने 8 पन्नों की चिट्ठी में वही बात कही है कि जो कानून बनाए गए हैं वे भारतीय कृषि में नए अध्याय की नींव बनेंगे, देश के किसानों को और स्वतंत्र करेंगे, सशक्त करेंगे। तोमर की यह चिट्ठी ऐसे समय में सामने आई है जब कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों की बातचीत नाकाम हो चुकी है और गतिरोध बना हुआ है। वहीं किसान बीते तीन सप्ताह से दिल्ली की सीमाओं पर कड़कती सर्दी के बीच धरना दे रहे हैं। सरकार और किसानों में फिलहाल बातचीत ठप है।
तोमर ने अपनी चिट्ठी में जो आश्वासन दिए हैं उनमें यह बातें शामिल हैं:
एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगी
मंडियां चालू हैं और आगे भी चालू रहेंगी
किसानों की जमीन को खतरा नहीं, मालिकाना हक किसानों का रहेगा
किसानों को तय समय पर भुगतान किया जाएगा
समय पर भुगतान न होने पर जुर्माना लगेगा
किसानों को खुले बाजार में अच्छे दाम पर फसल बेचने का मौका मिलेगा
करार फसलों के लिए होगा, जमीन के लिए नहीं, किसान जब चाहें करार खत्म कर सकते हैं
कृषि उत्पादन मंडी समितियां यानी एपीएमसी मंडियां कानून के दायरे से बाहर हैं
कृषि मंत्री ने चिट्ठी में आगे किसानों पर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि, “रेलवे की पटरियों पर बैठे लोग, जिनके कारण देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे सैनिकों तक राशन पहुंचना बंद हो गया है, वो किसान नहीं हो सकते।” उन्होंने दावा किया है कि वे लगातार किसानों के संपर्क में हैं और उनकी कई राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है। उनका दावा है कि इन किसान संगठनों ने कृषि सुधारों का स्वागत किया है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने यह भी दावा किया है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से जानकारियां मिल रही हैं कि जिन किसानों ने नए कानूनों को माना है उन्हें इनका लाभ मिलना शुरु हो गया है। उन्होंने खुद को किसान परिवार का बताते हुए कहा है कि, “मैं किसान परिवार से आता हूं. खेती की बारीकियां और खेती की चुनौतियां, दोनों को ही देखते हुए, समझते हुए, मैं बड़ा हुआ हूं।”
उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी, जबकि एमएसपी पर खरीद जारी है।
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