लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई हैं ED-CBI जैसी एजेंसियां, केंद्र की BJP सरकार कर रही दुरुपयोगः भूपेश बघेल
बघेल ने कहा कि वे मारपीट और अमानवीय व्यवहार करके धमकाते हैं। इतना ही नहीं, संबंधित शख्स से कहा जाता है कि या तो तुम्हें जेल जाना होगा या पहले से टाइप किया जो कागज है, उस पर दस्तखत कर दो। यह स्थिति बनाकर एजेंसी के लोग भय दिखाकर सबकी गिरफ्तारियां कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की मौजूदा कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आज कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), सीबीआई, आईटी, डीआरआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई हैं। बीजेपी की केंद्र में बैठी सरकार इनका दुरुपयोग कर रही है। इसका सबूत बीते रोज सरगुजा में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर द्वारा दिया गया एक बयान है, जिसमें उन्होंने कहा है कि देखिए आने वाले दो महीने में क्या होता है।
भूपेश बघेल ने कहा, ''इस समय एक महादेव का मामला चल रहा है (यह एक ऐप है, जिस पर सट्टा लगाया जाता है)। इस मामले में हम लोगों ने कार्रवाई के लिए लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है। इसमें जितनी भी कार्रवाई की है, वह राज्य सरकार ने की है, वहीं केंद्रीय एजेंसी ने कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि इनका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक है।''
केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए भूपेश बघेल ने आगे कहा कि यही कारण है कि केंद्रीय एजेंसी मुख्य लाभार्थी पर कोई कार्रवाई नहीं करती, जहां तक शराब घोटाले की बात है तो जो निर्माता है, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही उनकी संपत्ति जब्त या कुर्क की गई। इतना ही नहीं, किसी की गिरफ्तारी भी नहीं की गई, जबकि मुख्य खिलाड़ी तो वही लोग हैं।
सीएम बघेल ने कहा कि सीएजी की 2019-20, 2020-21 की रिपोर्ट कहती है कि इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई, जबकि सीएजी भी तो केंद्रीय संस्था है। इनकम टैक्स कह चुका है कि इसमें कुछ गलत नहीं हुआ है। वहीं, ईडी जिसे असीमित अधिकार मिल चुके हैं, जिसके चलते वह किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं, उसकी चल-अचल संपत्ति जब्त कर सकते हैं, जिसके छूटने की कोई संभावना नहीं और अगर व्यक्ति एक बार जेल गया तो उसे बेल मिलने की भी कोई संभावना नहीं है।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यही कारण है कि वह मार-पिटाई कर अमानवीय व्यवहार करके धमकाते हैं। इतना ही नहीं, संबंधित व्यक्ति से कहा जाता है कि या तो तुम्हें जेल जाना होगा या पहले से टाइप किया हुआ जो कागज है, उस पर दस्तखत कर दो। यह स्थिति बनाकर एजेंसी के लोग भय दिखाकर सबकी गिरफ्तारियां कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोयले के मामले में भी शराब जैसा ही हुआ है। कुछ ट्रांसपोर्टर वगैरह जेल में बंद हैं, मगर वे जिसका काम कर रहे थे, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उससे न पूछताछ की जा रही है, न कार्रवाई की जा रही है, इस तरह से महादेव मामले में भी अब राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जबकि सरकार बहुत से मोबाइल, लैपटॉप गैजेट्स, रुपया जब्त कर अनेक लोगों को गिरफ्तारियां करवा चुकी है।
भूपेश बघेल ने कहा कि जो दो लोग बाहर हैं, उन्हें पकड़ने में ताकत नहीं लगाई जा रही हैं, जो छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से हजारों करोड़ रुपये लेकर भाग गए हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई केवल छत्तीसगढ़ में हो रही है। इससे साफ है कि उनका उद्देश्य राज्य सरकार को बदनाम करना है।
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