पुलवामा आतंकी हमले के बाद सिख संगठनों ने दिखाई राह, निशाने पर आए कश्मीरी छात्रों की मदद के लिए आगे आए
पुलवामा आतंकी हमले के बाद देहरादून और हरियाणा में असामाजिक तत्वों के निशाने पर आए कश्मीरी छात्रों की मदद के लिए कई सिख संगठनों ने आगे आकर मिसाल पेश की है। उन्होंने न सिर्फ इन छात्रों के खाने-रहने का इंतेजाम किया, बल्कि उनकी वापसी की भी व्यवस्था कर रहे हैं।
कुछ लोगों के लिए मानवता सबसे पहले होती है और खासकर ऐसे समय में जब देश की एकता और अखंडता पर हमला हुआ हो और उसकी आड़ में कुछ लोग देश के भीतर ही आग लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हों। चंडीगढ़ के कुछ सिख संगठनों ने ऐसी ही मानवता की मिसाल पेश की है।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड के देहरादून और हरियाणा के मौलाना के कॉलेजों में पढ़ने वाले कुछ कश्मीरी छात्रों के खिलाफ जब असामाजिक तत्वों ने माहौल बनाने की कोशिश की तो इन छात्रों को अपनी सुरक्षा के लिए वहां से निकलना पड़ा। ऐसे में पंजाब के कई सिख संगठनों ने आगे आकर उनके वहां से निकलने से लेकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर लाने और उनके रहने और खाने का इंतेजाम किया।
पिछले 5 दिनों से पंजाब के दो गुरुद्वारों की कमेटी और एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ‘खालसा एड’ प्रभावित कश्मीरी छात्रों के रहने और खाने की व्यवस्था कर रहे हैं। हालांकि गुरुद्वारा प्रबंधन और खालसा एड के लोग अपने नाम जाहिर करना नहीं चाहते, लेकिन सोहना और मोहाली के फेज 3बी2 स्थित गुरुद्वारे में आश्रय लिए कश्मीरी छात्रों की जबान पर सिर्फ उनकी तारीफ ही तारीफ है। वहीं इन छात्रों को हवाई जहाज के जरिये श्रीनगर भेजने के लिए खालसा एड और जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन चंदा एकत्र कर रहे हैं।
‘खालसा एड’ के एक स्वयंसेवक ने कहा कि हमारे लिए मानवता सबसे पहले है। स्वयंसेवक ने कहा कि वे लोग उन कश्मीरी छात्रों के लिए सुरक्षित ठिकाना और भोजन उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, जिन्हें अपनी जान का खतरा है। उन्होंने बताया कि हमले की आशंका में अपने घर जाना चाह रहे छात्रों के लिए परिवहन की भी व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष ख्वाजा इतरत ने देहरादून, हरियाणा के अंबाला के पास स्थित मौलाना और अन्य राज्यों से आए 700 कश्मीरी छात्रों को अब तक जम्मू भेजने का दावा किया। इतरत ने कहा, “आने वाले दिनों में मोहाली में और अधिक छात्रों के पहुंचने की उम्मीद है। हमने उनके खाने-पीने और भोजन की व्यवस्था लांदरां में एक हाउसिंग सोसायटी में की है। सोहना स्थित सिख तीर्थ स्थान और मोहाली स्थित गुरुद्वारे का प्रबंधन इन छात्रों के लिए आश्रय और भोजन उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त हैं।”
ख्वाजा इतरत ने बताया कि देहरादून और मौलाना में फंसे कश्मीरी छात्रों को लाने और फिर उन्हें वापस जम्मू भेजने में खालसा एड ने जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन की मदद की। उन्होंने कहा, “चूंकि भारी बर्फबारी के कारण पूरा श्रीनगर बंद है, इसलिए वैसे छात्र जो श्रीनगर से आते हैं, वे जम्मू में रूकेंगे, जहां उनके रहने खाने की पूरी व्यवस्था कर दी गई है।” उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम को मोहाली से कश्मीरी छात्रों को लेकर एक दर्जन से ज्यादा निजी गाड़ियां जम्मू के लिए रवाना होंगी।
ख्वाजा इतरत ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 20,000 से भी ज्यादा कश्मीरी छात्र अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भय से आतंकित कश्मीरी छात्रों का ये पलायन मुख्य तौर पर देहरादून से हुआ है और मौलाना दूसरा संकटग्रस्त जगह रहा, जबकि पंजाब और हिमाचल प्रदेश शांत रहे। इतरत ने बताया कि कुछ विशेष छात्रों को हवाई मार्ग से श्रीनगर भेजने के खर्च का इंतेजाम कर पाने में उन्हें मुश्किलें आ रही हैं।
वहीं, मोहाली की उपायुक्त गुरप्रीत कौर सप्रा ने छात्रों की सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक इंतेजाम किए हैं। उन्होंने कहा कि जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक और अनुमंडल पदाधिकारी को छात्रों को पूरी सुरक्षा देने और जम्मू के लिए रवाना होने वाले उनके काफिले को एस्कॉर्ट करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
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