डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी, ‘बैटबाज़’ विधायक को नोटिस भेजने के बाद अब उनके समर्थकों पर कार्रवाई की तैयारी
बीजेपी ने इंदौर में 26 जून को हुए पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मंगा ली है, साथ ही आकाश के समर्थन में सामने आए नेताओं और जेल से छूटने पर स्वागत करने वालों की भी सूची तैयार कर ली गई है। माना ऐसा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की राय सामने आने के बाद पार्टी की राज्य इकाई कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
अपने विधायक आकाश विजयवर्गिय द्वारा नगर निगम के अधिकारी की पिटाई को लेकर अब बीजेपी डैमज कंट्रोल में जुट गई है। एक ओर पार्टी आकाश विजयवर्गीय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है तो दूसरी ओर आकाश के बाद बीजेपी के उन नेताओं पर कार्रवाई के आसार बनने लगे हैं, जिन्होंने खुले तौर पर आकाश के समर्थन में मोर्चा संभाला था।
खबरों के मुताबिक, पार्टी ने इंदौर में 26 जून को हुए पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मंगा ली है, साथ ही आकाश के समर्थन में सामने आए नेताओं और जेल से छूटने पर स्वागत करने वालों की भी सूची तैयार कर ली गई है। माना ऐसा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की राय सामने आने के बाद पार्टी की राज्य इकाई कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इस स्थिति में आकाश के अलावा उन नेताओं पर गाज गिरना भी तय माना जा रहा है जो आकाश के साथ खड़े नजर आए थे।
इंदौर के घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में जो बयान दिया था, उसका असर बीजेपी पर साफ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा था, “हम ऐसा कोई नेता नहीं चाहते जो पार्टी की छवि को खराब करे। बेटा किसी का भी हो, ऐसे नेताओं को पार्टी से निकाल देना चाहिए।”
इंदौर में 26 जून को एक जर्जर मकान गिराने गए नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने क्रिकेट का बल्ला चलाया था। इसके बाद बीजेपी के कई नेता उनके समर्थन में आए और जब आकाश जेल से रिहा हुए तो उनका स्वागत भी हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान के पहले तो बीजेपी नेताओं ने खुलकर आकाश के समर्थन में बयानबाजी की, मगर अब सब चुप हैं। हर मुद्दे पर मीडिया से बात करने वाले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं।
वहीं बीजेपी के मीडिया संपर्क विभाग के प्रदेश संयोजक रहे अनिल सौमित्र का दर्द छलक आया। उन्हें महात्मा गांधी पर टिप्पणी करने के कारण पद गंवाना पड़ा था और पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। सौमित्र ने आकाश को कारण बताओ नोटिस पर कहा, “मेरे साथ तो ऐसी नाइंसाफी की गई कि बिना कारण बताए ही निलंबित कर दिया गया।”
आकाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी के खिलाफ बीजेपी समर्थक सड़कों पर उतरे थे और आकाश की रिहाई के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया था। इस मौके पर बीजेपी के नेता महेंद्र हार्डिया, जीतू जिराती, गोपीकृष्ण नेमा, चंदू शिंदे, सुमित मिश्रा सहित कई बड़े नेता भी मौजूद थे। इतना ही नहीं, पूर्व मंत्री विजय शाह ने भी आकाश विजयवर्गीय का बचाव किया था।
अब आकाश और उनका स्वागत या फिर साथ देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संभावनाओं ने कई नेताओं की नींद उड़ा दी है। यही कारण है कि अब कोई भी नेता बोलने को तैयार नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी आने वाले दिनों में एक बड़ा फैसला ले सकती है।
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