रतन टाटा के बाद 'टाटा ट्रस्ट' के नए चेयरमैन नियुक्त किए गए नोएल टाटा, बोर्ड की बैठक में लिया गया फैसला
नोएल टाटा मौजूदा समय में टाटा ग्रुप की कंपनियों टाटा स्टील और टाइटन में वाइस-चेयरमैन के पद पर तैनात हैं। उन्होंने 2000 की शुरुआत में टाटा ग्रुप में काम करना शुरू किया था।
रतन टाटा के बाद नोएल टाटा, टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया है। रतन टाटा के निधन के बाद मुंबई में आज टाटा ट्रस्ट के बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया अध्यक्ष बना दिया गया। यह फैसला सभी के सहमति से लिया गया। इसके तहत नोएल को टाटा समूह के दो सबसे महत्वपूर्ण धर्मार्थ संस्थाओं सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया है। ये पहले इन संस्थाओं में ट्रस्टी के तौर पर शामिल थे। अब इन्हें टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया है।
नोएल टाटा, टाटा ग्रुप में निभाते हैं ये जिम्मेदारियां
नोएल टाटा मौजूदा समय में टाटा ग्रुप की कंपनियों टाटा स्टील और टाइटन में वाइस-चेयरमैन के पद पर तैनात हैं। उन्होंने 2000 की शुरुआत में टाटा ग्रुप में काम करना शुरू किया था। इस साल की शुरुआत में नोएल टाटा के तीन बच्चों - लिआ, माया और नेविल - को सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट से जुड़े कई ट्रस्टों में ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया था।
लिआ वर्तमान में द इंडियन होटल्स में उपाध्यक्ष हैं जबकि माया टाटा कैपिटल से जुड़ी हैं। नेविल ट्रेंट और स्टार बाजार की लीडरशीप टीम में शामिल हैं।
टाटा ट्रस्ट क्या है?
टाटा ट्रस्ट एक प्रमुख निकाय है जो सभी 14 टाटा ट्रस्टों के कार्यों का प्रबंधन करता है। टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की 65.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह को मार्गदर्शन देने का काम करता है।
टाटा संस का स्वामित्व बड़े पैमाने पर टाटा ट्रस्ट के तहत आने वाले दो प्रमुख ट्रस्टों - सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास है, जिनके पास कुल मिलाकर टाटा संस में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी हैं।
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