जामिया के बाद शाहीन बाग में युवक ने चलाई गोली, पुलिस हिरासत में लगाए ‘जय श्रीराम’ के नारे
दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन स्थल के पास कपिल नाम के एक युवक ने गोली चलाई है, जिसे पकड़ लिया गया है। अफरातफरी के बाद प्रदर्शन स्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई है और वे संविधान का पाठ कर रहे हैं।
पूरी दुनिया में विरोध और प्रदर्शन का प्रतीक बन चुके दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में धरने पर बैठी महिलाओं पर एक युवक ने गोली चलाई है। युवक को स्थानीय लोगों की मदद से पकड़ लिया गया है और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। युवक का नाम कपिल गुर्जर बताया जा रहा है और वह दिल्ली के दल्लूपुरा का रहने वाला है। खास बात ये है कि जिस वक्त हमलावर को पकड़ा गया उसने जय श्री राम के नारे लगाते हुए कहा कि इस देश में सिर्फ हिन्दुओं की चलेगी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक जसोला की तरफ लगी पुलिस बैरिकेडिंग की तरफ से वहां आया और कम से कम 3 राउंड गोलियां चलाईं। हालांकि इस हमले में किसी को गोली नहीं लगी है। जिस वक्त ये हमला हुआ, उस समय धरना स्थल पर सैकड़ों महिलाएं मौजूद थीं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि दो दिन पहले जामिया पर हुई फायरिंग की घटना की तरह ही शाहीन बाग में फायरिंग के वक्त पुलिस वहां पर मौजूद थी, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। ओखला के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि फायरिंग की घटना पुलिस की मिलीभगत से हुई है।
वहीं घटना की खबर फैलते ही शाहीन बाग में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में लोग वहां मौजूद हैं और फायरिंग के खिलाफ एकत्र होकर संविधान की प्रस्तावना का पाठ कर रहे हैं। लोगों की भीड़ को देखते हुए प्रदर्शनकारियों के आसपास वॉलंटियर्स ने मानव श्रंखला बना लिया है। लोगों में भय का माहौल जरूर है, लेकिन उससे ज्यादा गुस्सा है। लोग इस बात से नाराज हैं कि पुलिस के रहते बार-बार ऐसी खतरनाक घटना क्यों हो रही है।
बता दें कि पिछले दो दिनों में दिल्ली में खुलेआम सड़क पर फायरिंग की ये दूसरी घटना सामने आई है। इससे पहले 30 जनवरी को जामिया यूनीवर्सिटी के बाहर प्रदर्शनाकारियों पर एक शख्स ने पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग की थी। इस घटना में जामिया का एक छात्र घायल हो गया, जिसके हाथ में गोली लगी है। गोली चलने के बाद हमलावर को पुलिस ने पकड़ लिया, जिसे जेल भेज दिया गया है। लेकिन खास बात ये है कि फायरिंग के दौरान हमलावर काफी देर तक पिस्तौल लहराता रहा था, लेकिन उसके ठीक पीछे मौजूद पुलिस के लोगों ने उसे न ही रोका और न ही पकड़ा। जब उसने गोली चला ली, तब जाकर पुलिस ने उसे पकड़ लिया और वहां से लेकर निकल गई। उस दिन की घटना में भी दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे थे।
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