किसानों के बाद डॉक्टर भी आए सरकार के खिलाफ, विरोध में कल 10 हजार जगहों पर करेंगे प्रदर्शन
किसानों के बाद अब डॉक्टरों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी की इजाजत देने से नाराज डॉक्टरों ने विरोध करते हुए कल देश भर में दस हजार जगहों पर प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसके बाद वे 11 दिसंबर को कार्य बहिष्कार करेंगे।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के कल भारत बंद के ऐलान के बीच अब डॉक्टरों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार के एक फैसले के खिलाफ देश के डॉक्टरों ने भी मंगलवार से सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया है। इसके तहत सबसे पहले मंगलवार को डॉक्टर देश भर में 10,000 से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
डॉक्टरों के इस विरोध-प्रदर्शन का ऐलान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा किया गया है। दरअसल डॉक्टरों ने प्रदर्शन का यह फैसला हाल में केंद्रीय चिकित्सा परिषद की ओर से जारी उस अधिसूचना के खिलाफ लिया है, जिसके द्वारा स्नातकोत्तर आयुर्वेद सर्जरी के छात्रों को आधुनिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का अध्ययन और अभ्यास करने भी मंजूरी दे दी गई है।
सरकार के इस फैसले से देश भर के डॉक्टर नाराज हैं और विरोध में आ गए हैं। आईएमए ने सोमवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि कल देश भर में प्रदर्शन के बाद 11 दिसंबर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी गैर जरूरी और नॉन कोविड-19 स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहेंगी, केवल आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। इस दौरान ओपीडी सेवाएं ठप रहेंगी और पहले से तय ऑपरेशन भी नहीं किए जाएंगे।
आईएमए ने कहा है कि वन सिस्टम पॉलिसी, आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर देगी। आईएमए ने जोर देकर कहा है कि आर्युवेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की कानूनी इजाजत को वापस लिए जाने तक यह विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
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