नागालैंड और अरूणाचल के कई इलाकों में 6 महीनों के लिए बढ़ाया गया AFSPA, जानें क्या है ये कानून

अफस्पा के अंतर्गत सुरक्षा बलों को इन इलाकों में कहीं भी अभियान चलाने और किसी को भी बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार रहता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागालैंड और अरूणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम 1958 (अफस्पा) के अंतर्गत 6 और महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इसको लेकर दो अलग अलग अधिसूचना भी जारी की है।

गृह मंत्रालय ने अरूणाचल प्रदेश को लेकर कहा कि दिनांक 30.09.2022 को अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग एवं लांगडिंग जिलों तथा असम राज्य की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसई जिले में नामसई एवं महादेवपुर पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र के भीतर आने वाले क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र के रूप में घोषित किया था। अब फिर अरुणाचल प्रदेश राज्य में कानून और व्यवस्था की आगे और समीक्षा की गई है।

पहली अधिसूचना के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग एवं लांगडिंग जिलों तथा असम राज्य की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसई, महादेवपुर एवं चौखम पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र के भीतर आने वाले क्षेत्रों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा 3 के अंतर्गत दिनांक 01.04.2023 से 6 माह तक अशांत क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाता है, जब तक कि इसे इससे पहले वापस न लिया जाए।

वहीं गृह मंत्रालय ने नागालैंड को लेकर कहा कि दिनांक 30.09.2022 को नागालैंड राज्य के 9 जिलों एवं 4 अन्य जिलों के 16 पुलिस थाना क्षेत्रों को 01.10.2022 से 6 माह की अवधि तक अशांत क्षेत्र घोषित किया था। अब फिर नागालैंड राज्य में कानून और व्यवस्था की आगे और समीक्षा की गई है।


दूसरी अधिसूचना में बताया गया कि नागालैंड राज्य में दिमापुर, निउलैंड, चुमुकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों और कोहिमा जिले में खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुबजा और केजोचा पुलिस थाने। वहीं मोकोकचुंग जिले में मांगकोलेंबा, मोकोकचुंग-1, लोंगथो, तुली, लोंगचेम और अनाकी 'सी' पुलिस थाने और लोंगलेंग जिले में यांगलोक पुलिस थाना, वोखा जिले में भंडारी, चांमपांग और रालान पुलिस थाने और जुनहेबोटो जिले में घटासी, पुघोबोटो, सताखा, सुरूहुतो, जुनहेबोटो और अघुनाटो पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को 01.04.2023 से 6 माह तक अशांत क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाता है, जब तक कि इसे इससे पहले वापस न लिया जाए।

क्या है AFSPA कानून?

पूर्वोत्तर के राज्यों में अलगाववादी गतिविधियों के बढ़ते प्रभाव को देखने के बाद 11 सितंबर 1958 को आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट पारित किया गया था। संविधान के तहत यह प्रावधान है कि अशांत क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आफस्पा कानून लागू किया जा सकता है। अफस्पा के अंतर्गत सुरक्षा बलों को इन इलाकों में कहीं भी अभियान चलाने और किसी को भी बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार रहता है।

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