छत्तीसगढ़: बघेल सरकार ने सार्वजनिक आयोजनों, रैली, धरना के लिए सख्त किए नियम, बिना अनुमति नहीं कर पाएंगे ये काम
गृह विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक,धरना-जुलूस-सभा-रैली या अन्य आयोजन की अनुमति के लिए जिला दण्डाधिकारी को निर्धारित आवेदन प्रपत्र में भरकर प्रस्तुत करना होगा। इसमें संस्था के अलावा आयोजन के संबंध में ब्यौरा देना होगा।
छत्तीसगढ़ में अब कोई भी सार्वजनिक आयोजन करने से पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेना होगी, साथ ही इस बात का शपथ-पत्र भी अनिवार्य तौर पर देना हेागा कि अगर किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो उसके लिए आयोजक जिम्मेदार होंगे।
राज्य के गृह (पुलिस) विभाग ने एक आदेश जारी कर कहा है कि सार्वजनिक व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रमों अथवा आयोजनों के लिए जिला प्रशासन की अनुमति प्राप्त करना होगी। यह आदेश विभिन्न संस्थाओं अथवा संगठनों द्वारा बिना पूवार्नुमति आयोजन, प्रदर्शन किए जाने से आम नागरिकों के रोजमर्रा के कार्यो में बाधा पहुंचने और व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित होने से उत्पन्न कठिनाइयों को देखते हुए जारी किया गया है।
गृह विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक,धरना-जुलूस-सभा-रैली या अन्य आयोजन की अनुमति के लिए जिला दण्डाधिकारी को निर्धारित आवेदन प्रपत्र में भरकर प्रस्तुत करना होगा। इसमें संस्था के अलावा आयोजन के संबंध में ब्यौरा देना होगा।
आयोजकों को आयोजन में शामिल होने वाले प्रमुख 10 व्यक्तियों के नाम, पद, मोबाइल नंबर, पता सहित (यदि अलग-अलग संगठन शामिल हो तो सभी संगठनों के 10-10 प्रमुख के नाम) आदि निर्धारित आवेदन के देना हेागा। इसके साथ ही आवेदक को आयोजन की शर्तों के पालन के संबंध में तथा वैधानिक आदेश या कानूनी प्रावधान का उल्लंघन होने की दशा में जिम्मेदारी लेने के संबंध में शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
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