देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे के बीच शबाना आजमी बोलीं- सरकार की आलोचना करने वाले राष्ट्रविरोधी कहे जा रहे
शबाना आजमी ने कहा कि हम गंगा-जमुनी तहजीब में पले-बढ़े हैं, हमें देश के मौजूदा हालात के आगे घुटने नहीं टेकने चाहिए। उन्होंने सांप्रदायिकता का कड़ा विरोध किया, और कहा कि भारत एक खूबसूरत देश है। लोगों को बांटने की कोशिश इस मुल्क के लिए सही नहीं हो सकती है।
मोदी राज में देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर मंडरा रहे खतरे के बीच मशहूर अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने बड़ा बयान दिया है। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना करने वाले लोगों को राष्ट्रविरोधी कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की बेहतरी के लिए यह जरूरी है कि उसकी कमियों को समने लाया जाए।
शबाना आजमी ने कहा, “देश की अच्छाई के लिए यह जरूरी है कि हम उसकी बुराइयों को भी बताएं। अगर हम बुराइयों को नहीं बताएंगे तो हालात में सुधार कैसे लाएंगे? लेकिन देश में वातावरण इस तरह का बन रहा है कि अगर आपने खासकर सरकार की आलोचना की तो आपको तुरंत राष्ट्रविरोधी कह दिया जाता है। हमें इससे डरने की जरूरत नहीं है। इनके सर्टिफिकेट की किसी को जरूरत नहीं है।”
मशहूर अभिनेत्री ने कहा कि हम गंगा-जमुनी तहजीब में पले-बढ़े हैं, हमें देश के मौजूदा हालात के आगे घुटने नहीं टेकने चाहिए। शबाना आजमी ने सांप्रदायिकता का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत एक खूबसूरत देश है। लोगों को बांटने की कोशिश इस मुल्क के लिए सही नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक दंगों से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। शबाना आजमी ने कहा, “दंगों से एक महिला का घर बर्बाद हो जाता है, उसके बच्चे बेघर होते हैं और वे स्कूल नहीं जा पाते। ऐसे में सांप्रदायिक की सबसे बड़ी शिकार महिलाएं ही बनती हैं।” महिलाओं के हित में बेहतर काम करने के लिए शबाना आजमी को शहर के आनंदमोहन माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से ‘कुंती माथुर’ सम्मान से नवाजा गया।
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