गुड़गांव स्कूल हत्याकांड:  नाबालिग छात्र ने खून के धब्बे और उंंगलियों के निशान मिटाने के लिए किया था ‘गूगल सर्च’

गुड़गांव के विद्यालय में छात्र ‘प्रिंस’ की हत्या के आरोपी नाबालिग छात्र ‘भोलू’ने खून के धब्बे और उंगलियों के निशान मिटाने के लिए गूगल पर सर्च किया था। ये बातें सीबीआई ने चार्जशीट में कही हैं।

फाइल फोटो
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नवजीवन डेस्क

सीबीआई ने गुड़गांव के विद्यालय में सात वर्षीय छात्र ‘प्रिसं’ की हत्‍या के मामले में सोमवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। छात्र की हत्या पिछले साल 8 सितंबर को कर दी गई थी। जो चार्जशीट दाखिल की गई है, उसमें 29 अध्याय हैं। सीबीआई ने एडिशनल सेशन कोर्ट के जज जसवीर सिंह कुंडु की अदालत में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में इसी विद्यालय में पढ़ने वाले 16 साल के छात्र ‘भोलू’ को मुख्य आरोपी बनाया गया है। आरोपी छात्र की जमानत की अर्जी को कोर्ट सोमवार को भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने तीसरी बार आरोपी को जमानत से इनकार किया है। इससे पहले 30 जनवरी को कोर्ट ने आरोपी छात्र की न्यायायिक हिरासत बढ़ाई थी।

सीबीआई की चार्जशीट में बस कंडक्टर अशोक का नाम नहीं है और सिर्फ आरोपी नाबालिग छात्र ‘भोलू’ को ही आरोपी बनाया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 12 फरवरी को होगी। बताया जा रहा है कि सीबीआई सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट में बाकी अभियुक्‍तों का जिक्र करेगी, क्‍योंकि अभी इस मामले में जांच चल रही है।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में 127 गवाहों से पूछताछ और उनके बयानों को शामिल किया है। इसके मुताबिक आरोपी छात्र ने हत्‍या के बाद खून के धब्‍बे भी मिटाए थे। चार्जशीट में खुलासा किया गया है कि आरोपी छात्र ने कम से कम छह दोस्‍तों से किसी बच्‍चे को मारने के लिए जहर या चाकू के बारे में पूछा था। सीबीआई का कहना है कि 8 सितंबर को हत्या के बाद इस छात्र ने कई वेबसाइट पर खून के धब्बे मिटाने और उंगलियों के निशान साफ करने या उन्हें बदलने की जानकारी हासिल करने की कोशिश की थी। चार्जशीट में सीबीआई ने मौखिक बयान, दस्तावेजी और फॉरेंसिक सबूत पेश किए हैं।

सीबीआई का कहना है कि छात्र ने अपने इकबालिया बयान में बताया है कि उसने अपने मोबाइल फोन में जहर देकर हत्या करने, जहर के प्रभाव और उसे हासिल करने के लिए कई वेबसाइट पर सर्च किया था। सीबीआई के मुताबिक हत्या से पहले और बाद में इंटरनेट पर सर्च की हिस्ट्री और छात्र के इकबालिया बयान से जाहिर है कि उसने ठंडे दिमाग से हत्या की और फिर उसके आरोप से बचने की भी कोशिश की।

लेकिन, मामले में ड्राइवर अशोक की गिरफ्तारी के बाद वह ‘रिलैक्‍स’ हो गया था। उसे परीक्षा के बाद पता चला कि हत्‍या के बारे सभी को जानकारी हो गई है। बाद में उसने इंटरनेट पर फिंगरप्रिंट हटाने के बारे में सर्च भी किया था ताकि उसका नाम केस में ना आए। सीबीआई के मुताबिक उसे इंटरनेट से पता चला कि ‘हथेली को एसिड से नुकसान पहुंचाने पर फिंगरप्रिंट नहीं आते, लेकिन आरोपी ने ऐसा नहीं किया।’

गौरतलब है कि पिछले साल 8 सितंबर को गुड़गांव के एक विद्यालय में 7 साल के छात्र ‘प्रिंस’ की गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हरियाणा पुलिस ने उसी दिन स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में मामला सीबीआई को सौंपा गया, जिसके बाद इस सनसनीखेज हत्याकांड में बड़ा मोड़ आया।

सीबीआई ने जांच के बाद स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र को गिरफ्तार किया। जांच के बाद सामने आया है कि आरोपी ने पीटीएम और परीक्षा टालने के लिए हत्या को अंजाम दिया।

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