बागपत में एबीवीपी ने जैन देवी की प्रतिमा का किया अपमान, कॉलेज से मूर्ति हटाने के लिए दिया 7 दिन का अल्टीमेटम
हंगामे के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने देवी की प्रतिमा पर जूते-चप्पलों के साथ चढ़कर न सिर्फ जैन देवी का अपमान किया, बल्कि समुदाय की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई। साथ ही एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के प्रबंधन को 7 दिन में प्रतिमा हटाने का अल्टीमेटम दिया है।
उत्तर प्रदेश के बागपत में आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने श्रुति देवी का अपमान कर जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचा दी है। श्रुति देवी जैन समाज की आराध्य देवी हैं। जैन समाज भारत मे अल्पसंख्यक समुदाय के अंतर्गत आता है। उसकी भारत में लगभग 50 लाख की आबादी है। इस घटना के बाद बागपत पुलिस ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। जैन समाज के नेता गौरव जैन ने इसकी कठोर आलोचना की है और आरोपियों पर रासुका लगाने की मांग की है।
जैन समाज के लोगों ने बुधवार को सभा और जुलूस निकाल कर इस घटना की निंदा की। बाद में समाज के लोगों ने कॉलेज प्रबंध समिति को ज्ञापन सौंपा है। उधर कॉलेज प्राचार्य ने कोतवाली में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ तहरीर दी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगह जैन समाज ने बैठक कर इस घटना पर रोष जताया है। बागपत के अलावा खासकर हस्तिनापुर, खतौली, वहलना और सहारनपुर में सबसे ज्यादा नाराजगी देखी गई है।
बता दें कि मंगलवार को बागपत के बड़ौत नगर स्थित दिगंबर जैन महाविद्यालय में कॉलेज प्रबंधन द्वारा 2016 में स्थापित श्रुति देवी की प्रतिमा को हटवाने की मांग करते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा किया था। इस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर प्रबंध समिति को 7 दिन में प्रतिमा को वहां से हटाने का अल्टीमेटम दिया था।
विरोध-प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा पर जूते-चप्पलों के साथ चढ़कर प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ जैन देवी का अपमान किया, बल्कि प्रतिमा की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई । इस दौरान हंगामे की खबर पर कॉलेज पहुंची पुलिस और कॉलेज स्टाफ से एबीवीपी कार्यकर्ताओं की नोकझोंक भी हुई। गेट पर ताला जड़ दिए जाने के कारण कॉलेज स्टाफ काफी देर तक अंदर बंद रहा था।
इस घटना के बाद जैन समाज के लोगों में रोष व्याप्त हो गया है। कॉलेज प्राचार्य द्वारा इस संबंध में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोतवाली में तहरीर भी दी गई है। बुधवार को जैन समाज के लोगों की इस प्रकरण में नगर के दिगम्बर जैन बाल सदन में एक अहम बैठक हुई। इस बैठक के बाद कालेज प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव डीके जैन को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई।
सभा में शामिल इतिहासकार अमित राय जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'जैन आगम के अनुसार आराध्य मां श्रुति देवी विद्या एवं ज्ञानदायिनी हैं। जैन धर्म में चौबीस तीर्थंकर भगवान हैं। प्रत्येक तीर्थंकर के साथ जिनशासन देवियों और देवताओं का भी अस्तित्व होता है। जैन शिल्प में इन जिनशासन देवियों की मूर्ति के साथ मस्तक पर तीर्थंकर का विराजमान होना भी सहज रूप से मिलता है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का इस पर विरोध करना सर्वथा अनुचित है। देश भर में सैकड़ों मां श्रुति देवी की मूर्तियां स्थापित हैं। एबीवीपी के विरोध प्रदर्शन से जैन अल्पसंख्यकों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं'।
वहीं, कॉलेज प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि कॉलेज में 2016 में जैन धर्म की अराध्य श्रुति देवी की प्रतीमा स्थापित की गई थी। कॉलेज प्रशासन के अनुसार 2016 में यह मूर्ति कॉलेज के शाताब्दी वर्ष समारोह के दौरान लगवाई गई थी। उस समय भी कुछ छात्रों ने मां सरस्वती की मूर्ति के सिर पर जैन मुनि को दर्शाने का विरोध किया था। कॉलेज प्राचार्य डॉ वीरेंद्र सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में एबीवीपी के जिला संयोजक अंकुर चौधरी, याचिका तोमर, हैप्पी शर्मा पर कॉलेज में अराजकता फैलाने और श्रुत देवी की प्रतिमा का अपमान करने का आरोप लगाया है। ये सभी कॉलेज के छात्र भी नहीं हैं।
इनके अलावा कॉलेज प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कॉलेज में घुसकर तोड़फोड़ की कोशिश करने, ताले को तोड़कर अपना ताला लगाने, छात्र-छात्राओं और कॉलेज स्टाफ को बंधक बनाने की कोशिश करने आदि के मामले में दस एबीवीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है। बागपत पुलिस ने ट्वीट करते हुए बताया है कि तहरीर के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जा रही है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 24 Dec 2020, 4:34 PM