मोदी राज में भगौड़ों का बोलबालाः ललित मोदी से नीरव मोदी तक
बैंकों से धोखाधड़ी और मनी लॉ़ड्रिंग के आरोपों में नीरव मोदी देश से फरार होने वाले पहले शख्स नहीं हैं। यह फेहरिस्त, ललित मोदी से शुरू होकर विजय माल्या से होते हुए नीरव मोदी और मेहुल चौकसी तक आती है।
पंजाब नेशनल बैंक में हुए हजारों करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होने के बाद आरोपी नीरव मोदी देश छोड़कर फरार हो गया है। उसके सहयोगी मेहुल चौकसी के बारे में भी यही बताया जा रहा है। बैंकों से धोखाधड़ी और मनी लॉंड्रिंग जैसे आरोपों में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश से फरार होने वाले पहले शख्स नहीं हैं। इससे पहले भी कई ऐसे बड़े नाम सामने आए हैं, जो ऐसे मामलों में नाम आने के बाद देश से फरार हो चुके हैं। यह फेहरिस्त शुरू होती है, ललित मोदी से जो विजय माल्या और संजय भंडारी से होते हुए नीरव मोदी और मेहुल चौकसी तक आती है।
नीरव मोदी
देश की बैंकिंग इंडस्ट्री के सबसे बड़े घोटाले में नीरव मोदी का नाम सामने आया है। यह घोटाला करीब 177.17 करोड़ डॉलर यानी 11,356 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है। इस मामले में सीबीआई और ईडी ने नीरव मोदी के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। लेकिन नीरव मोदी देश से फरार होने में कामयाब हुआ है। इस समय वह स्वीटजरलैंड में बताया जा रहा है।
48 वर्षीय हीरा कारोबारी नीरव मोदी हीरा कारोबार का जाना पहचाना नाम है। इनके ब्रांड के हीरे हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड सितारों की चमक में इजाफा करते रहे हैं। नीरव विश्व की डायमंड कैपिटल के नाम से मशहूर बेल्जियम के एंटवर्प शहर के बड़े डायमंड ब्रोकर परिवार से आते हैं। नीरव के डिजाइन आभूषणों की कीमत करोड़ों में होती है। नीरव की एक कंपनी का नाम फायरस्टार डायमंड और दूसरा, ब्रांड नीरव मोदी है। नीरव, करीब 12 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक बताए जाते हैं, जबकि उनकी कंपनी करीब 149 अरब रुपये के आसपास की है।
मेहुल चौकसी
इस मामले में नीरव मोदी के साथ उनके कारोबारी सहयोगी मेहुल चौकसी का नाम भी सामने आ रहा है। उन पर नीरव मोदी और बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने का आरोप है। मेहुल भी एक हीरा कारोबारी हैं और वह नीरव के करीबी रिश्तेदार हैं। उनकी कंपनी का नाम गीतांजलि है, जिसका सालाना टर्नओवर करीब 13 हजार करोड़ का है। गीतांजलि का कारोबार देश के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है। मेहुल के पिता के द्वारा 1966 में स्थापित कंपनी गीतांजलि दुनियाभर में हीरों का निर्यात करती है। मेहुल चौकसी भी अपने ग्लैमरस लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता है। कई बॉलीवुड की हिरोइनें, उसके ब्रांड का विज्ञापन कर चुकी हैं। उसके पार्टियों में अक्सर कई बॉलीवुड हस्तियां नजर आती रही हैं। बताया जा रहा है कि फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद मेहुल चौकसी भी देश से फरार हो गया है।
विजय माल्या
देश के बड़े शराब कारोबारी विजय माल्या का नाम कौन नहीं जानता है। देश के कई बैंकों से करीब 8 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर विजय माल्या साल 2016 में भारत से बड़े आराम से फरार होने में कामयाब हुआ था। माल्या इस समय इंग्लैंड में है। प्रत्यर्पित करने की लाख कोशिशों के बावजूद भारत सरकार उसे अब तक भारत नहीं ला सकी है। शानदार लाइफस्टाइल, महंगी शराब और पार्टियों के शौक ने विजय माल्या को कंगाल बना दिया। किंगफिशर एयरलाइंस, किंगफिशर बीयर और आईपीएल की बेंगलुरु टीम के मालिक माल्या अपनी पार्टियों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते थे। उनकी पार्टियों में दीपिका, कैटरीना समेत तमाम बड़े स्टार नजर आते थे। देश की कई बैंकों से लिए गए कर्ज को नहीं वापस करने के मामले में अदालती कार्रवाई के बाद माल्या देश से फरार हो गया।
ललित मोदी
आईपीएल के पूर्व आयुक्त और कारोबारी ललित मोदी भी मनी लॉंड्रिंग के मामले में देश से फरार चल रहे हैं। आईपीएल की शुरुआत करने वाले ललित मोदी 2008 से 2010 तक आईपीएल के कमिश्नर रहे। मोदी पर 2010 में आईपीएल में भ्रष्टाचार का आरोप लगा। आरोप था कि उन्होंने दो नई टीमों की नीलामी के दौरान गलत तरीके अपनाए और किसी लाभ के बदले एक पक्ष को फायदा पहुंचाया। इसके अलावा मोदी ने आईपीएल का ठेका 425 करोड़ में मॉरिशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को दिया था। मोदी पर इस सौदे के बदले 125 करोड़ रुपए का कमीशन लेने का भी आरोप है। इन आरोपों के बाद मोदी को 2010 में आईपीएल कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उसी साल वह देश छोड़कर ब्रिटेन भाग गए। तब से भारत सरकार उनके प्रत्यर्पण की कोशिशें करने का दावा कर रही है, जो अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है।
संजय भंडारी
संजय भंडारी हथियारों के एक विवादित दलाल के तौर पर जाना जाता है। उस पर सेना के हथियार खरीद में गलत तरीके से शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। भंडारी और एक ऑफसेट कंपनी के खिलाफ टैक्स चोरी के मामले में भंडारी के आवास की तलाशी के दौरान आयकर विभाग को सेना के हथियारों की खरीद से संबंधित कई गोपनीय दस्तावेज मिले थे। इन दस्तावेजों में सैन्य साजो सामान के खरीद के लिए बनाई गई अनुबंध समिति की बैठक के कुछ मिनट की प्रतियां भी थीं। इसी साल दिल्ली की एक अदालत ने केसंजय भंडारी को सरकारी गोपनीय अधिनियम के मामले में घोषित अपराधी ठहराया है। बताया जाता है कि भंडारी नेपाल के रास्ते देश से भागने में कामयाब रहा है।
गौरतलब है कि धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और घोटाले के मामलों में ये सभी भगौड़े केंद्र की मोदी सरकार के राज में ही देश से भागने में कामयाब हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि भ्रष्टाचार और ईमानदारी पर बड़े दावे करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार की नाक के नीचे से इतना बड़ा फर्जीवाड़ा करने के बाद ये आरोपी कैसे देश से भागने में कामयाब हो जाते हैं।
वहीं ऐसे दौर में जब वित्तीय हेराफेरी करने के बाद ये लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं सरकार सार्वजनिक बैंकों का पुनर्पूंजीकरण करने का निर्णय लेने में जुटी है, जबकि सरकार को इन धोखाधड़ी करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाना सुनिश्चित करना चाहिए और इनकी संपत्ति से बैंकों को हर्जाना मिलना चाहिए।
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