पश्चिम यूपी के शुक्रताल आश्रम में बच्चों का यौन उत्पीड़न, 8 बच्चे छुड़ाए गए, संचालक पॉक्सो में गिरफ्तार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के शुक्रताल आश्रम पर छापा मारकर पूर्वोत्तर के बच्चों को छुड़ाया है। आश्रम में इन बच्चों का यौन शोषण हो रहा था। पुलिस ने आश्रम के संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज हुआ है।
आश्रम नगरी कहे जाने वाले मुजफ्फरनगर जनपद के तीर्थस्थल शुक्रताल के एक आश्रम में बेहद ही शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां आश्रम के संचालक अनाथ बच्चों का यौन शोषण कर रहे थे। चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने छापा मारकर बच्चों को छुड़ाया है। मेडिकल जांच में चार बच्चों के यौन शोषण की पुष्टि हुई है। इन सभी बच्चों की उम्र दस साल से कम है। पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर आश्रम के मुख्य संचालक और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है।
इस शर्मनाक कांड का खुलासा एक बच्चे की हिम्मत और समझदारी से हुआ। आश्रम में रहने वाले मिजोरम के 9 साल के इस बच्चें ने चाइल्ड हेल्पलाइन पर फोन कर बच्चों पर हो रहे जुल्म की जानकारी दी थी। इसके बाद टीम वहां पहुंची और जांच पड़ताल शुरु की। इस आश्रम का नाम गौड़िया मठ है और यह जनपद के फिरोजपुर रोड स्थित शुक्रताल में है जो फिरोजपुर थाना क्षेत्र में हैं। पुलिस ने जांच के दौरान हुए खुलासे और बच्चों की मेडिकल जांच के आधार पर आश्रम संचालक भक्ति भूषण गोविंद महाराज को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक इस आश्रम में मिज़ोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के यह मासूम बच्चें धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने आए थे। बुधवार को मुज़फ्फरनगर में 1098 पर आई शिकायत के आधार पर चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने तीर्थ नगरी के नाम से विख्यात शुकतीर्थ स्थित इस आश्रम पर छापा मारा। टीम को जानकारी मिली थी कि गोड़िया मठ आश्रम में मिजोरम और त्रिपुरा को 10 बच्चो को बंधक बनाकर रखा गया है और उनसे आश्रम में चिनाई के काम के साथ साथ पशुओं का चारा भी जंगल से मंगाया जाता था। टीम को बच्चों ने बताया कि काम न करने पर उनकी पिटाई की जाती थी।
चाइल्ड हेल्प लाइन की अध्यक्ष पूनम शर्मा ने बताया कि “हमारे पास 1098 से रजिस्टर्ड होकर सूचना आई थी कि यहां पर जो गोडिया मठ आश्रम है इसमें बच्चों को बंधक बना रखा है। हमने वहां जाकर देखा तो वहां 8 - 10 बच्चे थे उन्होंने बच्चों को इतना डरा रखा था कि सब बच्चे महंत जी की तरफ से ही बोल रहे थे लेकिन बच्चों की घबराहट को देखकर हमें शक हुआ कि कुछ तो गड़बड़ है, जिसके बाद हमने बच्चों को विश्वास में लेकर उनसे बात की। इसके बाद बच्चों ने सबकुछ बताना शुरू कर दिया।“
पूनम शर्मा ने बताया कि आश्रम के लोगों ने टीम को शुरु में बच्चों से बात करने से रोका और बच्चों को छिपाने की भी कोशिश की। उन्होने बताया कि जब उन्होंने आश्रम के लोगों को बताया कि वे कोई कार्यवाही नहीं करेंगे बल्कि सिर्फ पूछताछ करेंगे तब कहीं जाकर उन्होंने बच्चों सामने किया। पूनम शर्मा का कहना है कि आश्रम के लोगों ने दो बच्चों को कहीं छिपा दिया है, और टीम 8 बच्चों को ही मुक्त कराकर लाई है। उन्होंने बताया कि एक बच्चे की उम्र करीब 12 साल है, उससे आश्रम में खाना बनाने का काम लिया जाता था और बर्तन भी धुलवाए जाते थे। पूनम शर्मा के मुताबिक बच्चों के शरीर पर उत्पीड़न के निशान मिले हैं।
पुलिस ने आश्रम के संचालक के खिलाफ धारा 323, 504, 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इलाके के पुलिस सीओ राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेडिकल जांच में यौन उत्पीड़न की पुष्टि होने के बाद अप्राकृतिक यौन शोषण का मामला भी दायर किया गया है।
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