मुबंई का आरे कुछ नहीं, अभी तो वहां कटने वाले हैं लाखों पेड़, बीजेपी सरकार कस चुकी है कमर

मुंबई के आरे के जंगलों में काटे गए पेड़ कुछ भी नहीं हैं, अभी तो राज्य में कई परियोजनाओं के नाम पर लाखों पेड़ काटे जाने हैं। मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेस-वे के लिए अब तक 1,53,744 पेड़ काटे जा चुके हैं, जबकि अभी एक लाख पेड़ और कटने वाले हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवीन कुमार

पर्यावरण बचाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातें तो लगातार कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र में उनकी ही पार्टी बीजेपी की सरकार में अभी भी लाखों पेड़ काटने की योजना जारी है। लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी इस पर अपना मुंह नहीं खोल पा रहे हैं, क्योंकि उनकी महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन के काम पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अभी इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए भी 5 हजार से ज्यादा मैंग्रोव पेड़ काटे जाने की योजना है।

ये मैंग्रोव नैसर्गिक रूप से समंदर के किनारे और दलदल वाले क्षेत्रों में पैदा होते हैं। इसे कृत्रिम तरीके से नहीं लगाया जा सकता है। अक्सर ये ऐसे तटीय क्षेत्रों में होते हैं जहां कोई नदी किसी सागर में बह रही होती है जिससे जल में मीठे पानी और खारे पानी का मिश्रण होता है। मैंग्रोव वन तटों को स्थिरता प्रदान करते हैं और खास तरह की मछलियों और चिड़ियों को निवास और सुरक्षा प्रदान करते हैं।

अब बात करें इसको लेकर राजनीति पर तो इस पूरे मामले में बीजेपी के साथ शिवसेना भी राजनीति का खेल खेल रही है। दरअसल बीएमसी (बृहनमुंबई म्युनिसिपल काॅरपोरेशन) पर इन दोनों दलों का राज है। ऐसे में भले आरे कालोनी के पेड़ काटने के मुद्दे पर शिवसेना अपना विरोधी तेवर दिखा रही हो, असलियत यह है कि पेड़ों को काटने की इजाजत बीएमसी ने ही दी थी। आरे कालोनी को मुंबई का फेफड़ा कहा जाता है। आरे का मामला कोई एकलौता नहीं है, जहां बीएमसी ने पेड़ों को काटने की इजाजत दी हो। इससे पहले बीएमसी ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए साल 2018 में 8,775 पेड़ काटने की अनुमति दे चुकी है।

वहीं आरटीआई से ये भी पता चला है कि बीएमसी के वृक्ष प्राधिकरण ने 2010 से 2016 के बीच 25,018 पेड़ों की कटाई की इजाजत दी। अब महाराष्ट्र सरकार की 701 किलोमीटर लंबी मुंबई- नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे के लिए करीब पौने तीन लाख पेड़ काटे जाएंगे। इसके लिए 3 जून को समीक्षा बैठक में पेश रिपोर्ट में कहा गया कि 2,76,050 पेड़ काटे जाने के लिए सूचीबद्ध हैं जबकि 1,53,744 पहले ही काटे जा चुके हैं।

ये हालत तब है, जब राज्य सरकार खुद मानती है कि महाराष्ट्र में 100 में से 30 पौधों के मर जाने का पिछले 15 साल का ट्रैक रिकार्ड है। मौजूदा बीजेपी सरकार ने इसे 100 में से केवल 10 पौधों तक कम करने का लक्ष्य रखा था। वन विभाग की तरफ से पहले सालाना 5 करोड़ पौधे लगाए जाते थे। लेकिन बीजेपी सरकार का दावा है कि उसने एक दिन में 2 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाकर विश्व रिकाॅर्ड कायम किया है। लेकिन इनमें से कितने पेड़ सूख गए, कोई नहीं जानता क्योंकि इसका आंकड़ा सरकार ने अब तक जाहिर नहीं किया है।

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Published: 12 Oct 2019, 9:44 PM