'40-50 लोगों की भीड़ मंच पर चढ़ गई फिर...', महाराष्ट्र के आकोला में योगेंद्र यादव पर हमला

योगेंद्र यादव ने इस घटना की जानकारी अपने एक्स अकाउंट पर भी दी है। उन्होंने कहा कि अकेला (महाराष्ट्र) में उन पर और भारत जोड़ो अभियान के साथियों पर जो हमला हुआ है वह किसी भी लोकतंत्र प्रेमी के लिए चिंता का विषय है।

महाराष्ट्र के आकोला में योगेंद्र यादव पर हमला
महाराष्ट्र के आकोला में योगेंद्र यादव पर हमला
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव पर अकोला में हमला हुआ है। योगेंद्र यादव पर सोमवार को अकोला में एक सेमिनार के दौरान हमला हुआ। वंचित बहुजन अघाड़ी के कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगा है। योगेंद्र यादव के साथ सभा में जोरदार धक्का मुक्की की गई और जमकर कुर्सियां तोड़ी गई। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिस और यादव के सहयोगी उन्हें हमलावरों से बचाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिनमें से कुछ कुर्सियाँ तोड़ रहे थे और नारे लगा रहे थे।

इस घटना के बीच वहां पुलिस पहुंच गई और उनके चारों ओर घेरा बनाकर जैसे तैसे उन्हें वहां से सुरक्षित निकाला। योगेंद्र यादव ने इस घटना की जानकारी अपने एक्स अकाउंट पर भी दी है। उन्होंने कहा कि अकेला (महाराष्ट्र) में उन पर और भारत जोड़ो अभियान के साथियों पर जो हमला हुआ है वह किसी भी लोकतंत्र प्रेमी के लिए चिंता का विषय है।


एक्स पोस्ट में योगेंद्र यादव ने लिखा," आज अकेला (महाराष्ट्र) में मुझ पर और भारत जोड़ो अभियान के साथियों पर जो हमला हुआ वह हर लोकतंत्र प्रेमी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। भारत जोड़ो अभियान के विदर्भ दौरे के तहत हम "संविधान की रक्षा और हमारा वोट" विषय पर सम्मेलन कर रहे थे, तो मुझे बोलने से रोकने के लिए 40-50 लोगों की भीड़ मंच पर चढ़ गई और मेरी ओर बढ़ी। हम बैठे रहे और स्थानीय साथियों ने घेरा बनाकर हमारी रक्षा की। पुलिस के आने के बाद भी हुड़दंगाइयों का आक्रमण और तोड़ फोड़ जारी रहे। सभा वहीं समाप्त हो गई।” 

उन्होंने आगे लिखा, "पिछले 25 वर्षों में महाराष्ट्र के अनेक स्थानों पर व्याख्यान दिए हैं, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के लिए भी दुखद है। यह घटना हमारे लोकतंत्र की रक्षा के प्रति समर्पण को और भी मजबूत करती है। जो भी मेरे बोलने से डरा हुआ है वो सुन ले — मैं वापिस अकोला आऊँगा!"