संदेशखाली में 70 महिलाओं को प्रदर्शन के लिए 2-2 हजार रुपये मिले! सामने आए एक और वीडियो में दावा

संदेशखाली का कथित नया वीडियो 45 मिनट से ज्यादा का है, जिसमें संदेशखाली मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति ने कई खुलासे किए हैं। पिछले सप्ताह की उस वीडियो में भी कयाल ही थे, जिन्होंने कहा था कि बलात्कार के आरोप मनगढ़ंत हैं।

संदेशखाली में 70 महिलाओं को प्रदर्शन के लिए 2-2 हजार रुपये मिले! सामने आए एक और वीडियो में दावा
संदेशखाली में 70 महिलाओं को प्रदर्शन के लिए 2-2 हजार रुपये मिले! सामने आए एक और वीडियो में दावा
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नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल की बहुचर्चित संदेशखाली की घटना से कथित तौर पर जुड़ा एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें एक स्थानीय बीजेपी नेता यह कहते हुए नजर आ रहा है कि महिलाओं को तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दो-दो हजार रुपये दिये गए हैं। टीएमसी ने अपने एक्स हैंडल पर यह वीडियो पोस्ट किया है। हालांकि, नवजीन इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

शाहजहां शेख पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और ग्रामीणों की भूमि हड़पने का आरोप लगा है। संदेशखाली का कथित नया वीडियो 45 मिनट से ज्यादा का है, जिसमें संदेशखाली मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति ने प्रश्नकर्ता को यह बात कही। पिछले सप्ताह की उस वीडियो में भी कयाल ही थे, जिन्होंने कहा था कि बलात्कार के आरोप मनगढ़ंत हैं।


ताजा वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी और टीएमसी में आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है। ताजा घटनाक्रम के बीच आज संदेशखाली के खुलना में बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। झड़प का वीडियो सामने आया है, जिसमें बीजेपी के झंडे लिए कई पुरुष और महिलाएं कुछ लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटते दिखाई दे रहे हैं, जो टीएमसी के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं।

इससे पहले सामने आए संदेशखाली घटना जुड़े वीडियो में दावा किया गया था कि बीजेपी की एक स्थानीय महिला नेता ने कई महिलाओं से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए और बाद में सत्तारूढ़ टीएमसी नेताओं के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने में उसका इस्तेमाल किया गया। इन वीडियो को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल ने बीजेपी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया था। वीडियो में एक स्थानीय बीजेपी नेता गंगाधर कोयल ने दावा किया था कि बलात्कार के आरोप मनगढ़ंत थे और इस प्रकरण के पीछे पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का हाथ है।

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