पुणे में जीका वायरस के 6 मामले आए सामने, संक्रमितों में 2 गर्भवती महिलाएं भी शामिल, जानें वायरस से कैसे करें बचाव
पुणे में जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला एरंडवाने इलाके में सामने आया था। यहां 46 साल के डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। डॉक्टर के बाद उनकी 15 साल की बेटी भी पॉजिटिव पाई गई।
महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के मामले सामने आने से लोग दहशत में हैं। शहर में 6 लोग संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमितों में दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पुणे के एरंडवाने इलाके की 28 साल की गर्भवती महिला में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है। महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एक और 12 हफ्ते की गर्भवती महिला भी संक्रमित पाई गई हैं। फिलहाल, दोनों महिलाओं की हालत स्थिर है।
गर्भवती महिलाओं का संक्रमित होना चिंता की बात है। गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने पर भ्रूण में माइक्रोसेफेली हो सकता है। यह ऐसी स्थिति होती है, जिसमें मस्तिष्क के असामान्य विकास की वजह से सिर काफी छोटा हो जाता है।
पुणे में जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला एरंडवाने इलाके में सामने आया था। यहां 46 साल के डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। डॉक्टर के बाद उनकी 15 साल की बेटी भी पॉजिटिव पाई गई। इसके अलावा दो संक्रमित मुंधवा इलाके में सामने आए। इनमें से एक 47 साल की महिला और दूसरा 22 साल का व्यक्ति शामिल है।
संक्रमितों के सामने आने के बाद नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, एहतियात के तौर पर संक्रमित मच्छरों को रोकने के लिए फॉगिंग और फ्यूमिगेशन जैसे उपाय किए जा रहे हैं।
जीका वायरस के लक्षण क्या हैं?
जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरस है जो आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर मुश्किलें पैदा कर सता है। जीका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं, या सिर्फ हल्के लक्षण होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
बुखार।
चेहरे पर दाने होना।
जोड़ों में दर्द होना।
मांसपेशियों में दर्द होना।
सिरदर्द होना।
लाल आंखें (कंजंक्टिवाइटिस)
ये लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 3 से 7 दिन बाद दिखाई देते हैं और एक हफ्ते तक रह सकते हैं।
जीका वायरस से बचने के उपाय
कीट प्रतिरोधी का इस्तेमाल करें: DEET, पिकारिडिन या IR3535 वाले मच्छर प्रतिरोधी का इस्तेमाल करें। हर 2 घंटे में और पसीना आने पर दोबारा लगाएं।
कपड़े पहनकर बचाव करें: लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें, मोजे पहनें और टोपी लगाएं।
घर के अंदर रहें: खिड़कियों और दरवाजों पर ऐसे उपाय करें कि मच्छर घर के अंदर न आ सकें।
ठहरे पानी को हटाएं: अपने घर के आसपास के गड्ढों, टायरों, बाल्टियों और अन्य जगहों से ठहरे हुए पानी को हटा दें, जहां मच्छर पैदा हो सकते हैं।
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