मिजोरम के 5 निर्दलीय विधायकों ने दिया इस्तीफा, जेडपीएम उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे चुनाव
विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि पांचों निर्दलीय विधायक अब 7 नवंबर के विधानसभा चुनाव में जेडपीएम के उम्मीदवार के रूप में लड़ने जा रहे हैं, जो अब एक पंजीकृत पार्टी है, इसलिए अगर वे इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता था।
मिजोरम विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के एक दिन बाद मंगलवार को राज्य के पांच निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। दरअसल पांचों विधायकों ने आगामी चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के उम्मीदवार के रूप में लड़ने के लिए तकनीकी औपचारिकताओं के अनुरूप विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
मिजोरम विधानसभा सचिव लालमहरुइया ज़ोटे ने अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा कि लालछुआनथांगा (आइजोल दक्षिण-2 निर्वाचन क्षेत्र), वी. एल. ज़ैथनज़ामा (आइज़ोल पश्चिम-3), वनलालहलाना (आइज़ोल उत्तर-1), सी. लालसाविवुंगा (आइज़ोल दक्षिण-1), और वनललथलाना ( आइजोल उत्तर-2) ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और पांच निर्वाचन क्षेत्र मंगलवार से खाली हो गए।
सभी पांच विधायक मूल रूप से जेडपीएम के ही थे, लेकिन 2018 का विधानसभा चुनाव उन्होंने निर्दलीय के रूप में लड़ा था, क्योंकि जेडपीएम उस समय चुनाव आयोग द्वारा पंजीकृत राजनीतिक दल नहीं था। विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि पांचों निर्दलीय विधायक अब 7 नवंबर के विधानसभा चुनाव में जेडपीएम के उम्मीदवार के रूप में लड़ने जा रहे हैं, जो अब एक पंजीकृत पार्टी है, इसलिए अगर वे इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता था।
इन पांचों के नेता लालदुहोमा को 2021 में उपचुनाव में जेडपीएम उम्मीदवार के रूप में चुना गया था, इसलिए उन्हें इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। अधिकारी ने कहा कि पांचों विधायक अब जेडपीएम के टिकट पर नामांकन दाखिल करने में सक्षम हैं।
इसके साथ ही इस महीने सात विधायकों ने मिजोरम विधानसभा छोड़ दी। इससे पहले कांग्रेस विधायक के. टी. रोखाव और पूर्व मंत्री एवं मिजो नेशनल फ्रंट के विधायक के. बेइचुआ ने इस्तीफा दे दिया था। रोखाव पहले ही सत्तारूढ़ एमएनएफ में शामिल हो चुके हैं और पलक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।
बेइचुआ बीजेपी में शामिल हो गए हैं और वे सियाहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। बेइचुआ, जिन्होंने पिछले साल 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, को एमएनएफ ने इस साल जनवरी में पार्टी से निष्कासित कर दिया था।जेडपीएम ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 8 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद के उपचुनावों में दो सीटें हार गई, जबकि 2021 के चुनावों में सेरछिप सीट बरकरार रखी।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia