केंद्र से मिले 4714 करोड़, आचार संहिता में छूट के बावजूद सुखाग्रस्त इलाकों में राहत नहीं, फडणवीस सरकार पर सवाल
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के कुछ इलाकों को भयंकर सूखे ने इस कदर जकड़ लिया है कि बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज लोगों को इसे जुटाने के लिए हाड़तोड़ परिश्रम करना पड़ रहा है। परेशान लोगों का कहना है कि
महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त इलाकों में से एक औरंगाबाद जिले में लोग बेहद परेशान हैं। यहां के नौगांव इलाके में हालत बद से बदतर है। बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज यहां के लोगो हाड़तोड़ परिश्रम कर रहे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है। यहां के तालाब और कुएं सूख चुके हैं। यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि देश के सबसे ज्यादा सूखा प्रभावित राज्यों में से एक महाराष्ट्र भी है। सूखाग्रस्त इलाकों में पानी के लिए महिलाएं भारी-भरकम बर्तन को सिर पर रखकर दूर-दराज जाती है और पानी लेकर आती है। जो तस्वीरें सामने आई है उसमें बेजुबान जानवर भी घूंट भर पानी के लिए सूख चुकी नदी में पानी की संभावना तलाश रहे हैं।
अभी हाल में ही राज्य की बीजेपी सरकार ने लोगों को राहत पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग से आचार संहिता में छूट ली है। यही नहीं राज्य के सूखाग्रस्त इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने 4714 करोड़ रुपये का बजट भी पास किया है। बावजूद इसके जमीन स्तर पर लोगों को मदद नहीं मिल रही है।
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