मणिपुर के कई जिलों में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में 40 उग्रवादी ढेर, सीएम बीरेन सिंह ने किया ऐलान
हालात को नियंत्रित करने के लिए मणिपुर के सभी अशांत जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और जिला प्रशासन ने इन जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि भी तीन घंटे कम कर दी है।
हिंसाग्रस्त मणिपुर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने रविवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि नागरिक आबादी के खिलाफ परिष्कृत हथियारों का इस्तेमाल कर रहे उग्रवादी समूहों के खिलाफ जवाबी और रक्षात्मक अभियानों में लगभग 40 आतंकवादी विभिन्न क्षेत्रों में मारे गए हैं। इनके अलावा कई उग्रवादियों को सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार भी किया है।
खबर के अनुसार रविवार को मणिपुर के कम से कम चार जिलों से सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूहों के बीच मुठभेड़ की कई घटनाओं की सूचना मिली, जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं। इंफाल में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चुराचंदपुर, काकचिंग, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों से मुठभेड़ की सूचना मिली है।
इन मुठभेड़ों में मणिपुर पुलिस के कई कमांडो और अज्ञात सशस्त्र समूह के सदस्य घायल हो गए। घायल पुलिस कमांडो को तुरंत अस्पतालों में ले जाया गया है। इन मुठभेड़ों में ढेर सशस्त्र समूहों के करीब 30 सदस्यों के पहचान हुई है और कई घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इनकी पहचान तत्काल नहीं हो पाई है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी अशांत जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और जिला प्रशासन ने इन जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि भी तीन घंटे कम कर दी है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय गुरुवार से और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे शनिवार से संकटग्रस्त मणिपुर का दौरा कर रहे हैं। समाज संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें की जा रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी स्थिति का जायजा लेने और जातीय संकट को हल करने के लिए सोमवार को तीन दिनों के लिए मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। उनके मेइतेई और कुकी समुदायों सहित सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से मिलने की संभावना है।
इससे पहले पूर्वी कमान के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी. कलिता ने जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए 22 से 24 मई तक मणिपुर के कई संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले जिलों का दौरा किया। हिंसक घटनाओं के बीच मणिपुर सरकार ने शनिवार को अफवाहों और वीडियो, फोटो और संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को 31 मई तक बढ़ा दिया।
मणिपुर के ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा एसटी श्रेणी में मेइती समुदाय को शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए 3 मई को 'आदिवासी एकजुटता मार्च' का आह्वान किया था जिसके बाद पूर्वोत्तर राज्य के 10 से अधिक जिलों में व्यापक हिंसक झड़पें और हमले हुए जिसमें 70 लोगों की जान गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
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