तेलंगाना के परिवार नियोजन शिविर में 4 महिलाओं की मौत, बाकी 30 महिलाओं को अस्पताल भेजा गया

स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव ने आज निम्स अस्पताल का दौरा कर महिलाओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सभी महिलाएं सुरक्षित हैं और दो-तीन दिन में उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। राज्य सरकार ने मृतकाओं के परिवार को 5-5 लाख रुपये और दो रूम का घर देने की घोषणा की है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में एक परिवार नियोजन सर्जरी शिविर में डबल पंचर लैप्रोस्कोपी (डीपीएल) से चार महिलाओं की मौत होने का मामले सामने आया है। घटना के बाद अफसरों ने कैंप की बाकी 30 महिलाओं को इलाज के लिए अस्पतालों में भेज दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि महिलाओं की हालत स्थिर है।

कैंप से तेरह महिलाओं को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया और शेष 17 को हैदराबाद में सरकार द्वारा संचालित निजाम आयुर्विज्ञान संस्थान (एनआईएमएस) में भर्ती कराया गया है।
डॉक्टरों ने कहा कि दो महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर हैं, इसलिए उनका इलाज निम्स की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में चल रहा है। डॉक्टरों ने कहा कि किसी चिंता की कोई बात नहीं है और सभी महिलाओं को एक-दो दिन में छुट्टी मिलने की संभावना है।

इस बीच स्वास्थ्य मंत्री टी. हरीश राव ने बुधवार को निम्स अस्पताल का दौरा कर महिलाओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सभी महिलाएं सुरक्षित हैं और दो-तीन दिन में उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं को बेहतर इलाज मुहैया करा रही है। डॉक्टर हर मरीज की निगरानी कर रहे हैं।

रंगा रेड्डी जिले के इब्राहिमपत्तनम के एक सिविल अस्पताल में 25 अगस्त को आयोजित महिला नसबंदी शिविर में डीपीएल से गुजरने के बाद जटिलताओं के कारण चार महिलाओं की मौत हो गई। उन्होंने तीव्र आंत्रशोथ की शिकायत की और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सोमवार और मंगलवार को दो-दो मौतें हुईं। इन महिलाओं की मौत के बाद हड़कंप मच गया।


हरीश राव ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि पिछले 6-7 वर्षो के दौरान राज्य में 12 लाख महिलाओं की परिवार नियोजन सर्जरी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और सर्जरी करने वाले डॉक्टरों का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। सरकार ने अस्पताल के अधीक्षक को भी आजीवन निलंबित कर दिया है।

हरीश राव ने कहा कि सरकार ने जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ जी श्रीनिवास राव को जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक हफ्ते या 10 दिनों में रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद हम लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हम ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।"

गुरुवार को चार महिलाओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने की संभावना है। इससे अधिकारियों को मौतों के कारणों पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद मिलने की संभावना है। जन स्वास्थ्य निदेशक ने कहा कि नसबंदी शिविर एक नियमित अभ्यास है, जिसमें डीपीएल, ट्यूबेक्टोमी और पुरुष नसबंदी सर्जरी की जाती है। उन्होंने कहा कि अनुभवी डॉक्टर सर्जरी करते हैं। यह घटना एक अपवाद है। हम उन कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।"

अधिकारी के अनुसार, डीपीएल उन महिलाओं के लिए पसंदीदा सर्जरी है जो कम जटिलताओं वाली स्थायी नसबंदी चाहती हैं। डीपीएल से गुजरने वाली महिलाओं को उसी दिन छुट्टी दी जा सकती है और वे तुरंत अपनी गतिविधियां फिर से शुरू कर देती हैं। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृत महिला के परिवार के लिए 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और दो बेडरूम के घर देने की घोषणा की है। मृतका के जीवित बच्चों का आवासीय विद्यालयों में दाखिला कराया जाएगा।

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