बिहार में छठ के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 33 लोगों की डूबने से मौत, बेगूसराय में फूटा लोगों का गुस्सा
यह त्रासदी उस समय हुई जब श्रद्धालु छठ के 'द्वितीय अर्घ' के बाद नदियों, तालाबों और नहरों में डुबकी लगा रहे थे। इसे लेकर मृतकों के परिजनों ने जिला प्रशासन पर खतरनाक घाटों को चिह्न्ति करने में विफल रहने का आरोप लगाया है, जिसके कारण यह दुर्घटनाएं हुईं।
बिहार में छठ महापर्व मनाने के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 33 लोगों की विभिन्न नदियों और तालाबों में डूबने से मौत हो गई। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को घटनाओं की पुष्टि करते हुए बताया कि छठ पर्व के दौरान बिहार के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 33 लोगों के डूबने की खबर सामने आई है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार रोहतास, सारण, गया और सीवान जिले में गुरुवार को दो-दो मौतें दर्ज की गईं, जबकि बिहारशरीफ और बक्सर जिले में एक-एक मौत दर्ज की गई। वहीं बेगूसराय जिले में तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई। वहीं समस्तीपुर में चार लोगों की, जबकि बेतिया में एक की डूबने से मौत हो गई।
इसी तरह सहरसा और खगड़िया में चार-चार मौतें दर्ज की गईं, जबकि सुपौल और लखीसराय में दो-दो मौतें हुईं। मधेपुरा, पूर्णिया और भागलपुर जिले में एक-एक मौत दर्ज की गई। यह त्रासदी उस समय हुई जब श्रद्धालु त्योहार मनाने के लिए 'द्वितीय अर्घ' के बाद नदियों, तालाबों और नहरों में डुबकी लगा रहे थे।
इस बीच, मृतक के परिजनों ने जिला प्रशासन पर खतरनाक घाटों को चिह्न्ति करने में विफल रहने का आरोप लगाया, जिसके कारण यह दुर्घटनाएं हुईं। बेगूसराय में भीड़ ने जिला पुलिस की दो गाड़ियों में आग लगा दी और पुलिस टीम पर पथराव भी किया। ऐसा ही नजारा अन्य जिलों में भी देखने को मिला।
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