मिजोरम में निर्माणाधीन रेलवे पुल गिरने से 26 मजदूरों की मौत, कई घायल, अधिकतर मृतक बंगाल के मालदा के निवासी
हादसे का शिकार हुए मजदूरों में अधिकतर पश्चिम बंगाल के मालदा के थे। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव को बचाव कार्यों के लिए तुरंत मिजोरम प्रशासन के साथ समन्वय करने को कहा है। साथ ही मालदा प्रशासन को पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करने को कहा है।
मिजोरम के पहाड़ी सैरांग इलाके के पास बुधवार को एक निर्माणाधीन रेलवे पुल ढह जाने से उस पर काम कर रहे कम से कम 26 मजदूरों की मौत हो गई है। जबकि दो अन्य घायल हुए हैं। रेलवे और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 22 शव बरामद किए जा चुके हैं। ढही हुई स्टील संरचना के नीचे से शेष चार शवों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। घटना के दौरान 35 से 40 मजदूर पुल पर काम कर रहे थे।
हादसे का शिकार हुए मजदूरों में अधिकतर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले थे। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा है कि मिजोरम में निर्माणाधीन रेलवे पुल के ढहने की घटना के बारे में जानकर स्तब्ध हूं, जिसमें हमारे मालदा जिले के कुछ श्रमिकों सहित कई साइट श्रमिकों की जान चली गई। मैंने अपने मुख्य सचिव को बचाव/सहायता कार्यों के लिए तुरंत मिजोरम प्रशासन के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया है। मालदा जिला प्रशासन को शोक संतप्त परिवारों तक हर संभव मदद पहुंचाने के लिए कहा गया है। हम प्रभावित परिवारों के परिजनों को यथाशीघ्र उचित मुआवजा देंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के आश्रितों के प्रति संवेदना जाहिर की है। राहुल गांधी ने ट्वीटर पर लिखा, मिजोरम में एक निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज के ढहने से कई लोगों की मृत्यु की दुखद खबर से अत्यंत दुख हुआ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करने का आग्रह करता हूं।
प्रधानमंत्री वर्तमान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जोहान्सबर्ग में हैं। उन्होंने हादसे पर दुख जताते हुए प्रत्येक मृतक के परिवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। वहीं, रेल मंत्री ने मृतकों के लिए दस लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए दो लाख रुपये और मामूली चोटों के लिए 50,000 रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
यह रेलवे पुल मिजोरम की राजधानी आइजोल से 10 किमी दूर बैराबी को (दक्षिणी असम के पास) सैरांग से जोड़ने वाले कुरुंग नदी पर निर्माणाधीन था। दुर्घटनास्थल आइजोल से करीब 21 किमी दूर है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर), जो 51.38 किलोमीटर लंबी रेलवे परियोजना को लागू कर रहा है, ने चिकित्सा सहायता के साथ रिकवरी प्रोसेस के लिए कई चिकित्सक और इंजीनियरिंग टीमों को मौके पर भेजा है। एनएफआर के महाप्रबंधक (निर्माण) सुनील कुमार झा, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, एनएफआर मुख्यालय मालीगांव (गुवाहाटी) से मिजोरम के लिए रवाना हो गए हैं।
वहीं, मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने भी हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सीएम ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि इस त्रासदी से बहुत दुखी हूं। मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। बचाव कार्यों में मदद के लिए बड़ी संख्या में सामने आए लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
बुधवार को ढहे निर्माणाधीन पुल के पिलरों की ऊंचाई 104 मीटर है। मिजोरम की राजधानी आइजोल पहुंचने से पहले सैरांग रेलवे स्टेशन आखिरी रेलवे स्टेशन होगा। इस साल दिसंबर तक पूरा होने वाली यह परियोजना पहाड़ी आइजोल को राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ने वाली थी। ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के 51.38 किमी लंबे बैराबी से सैरंग खंड के साथ 32 सुरंगें (12.67 किमी कुल लंबाई), 16 कट और कवर सुरंगें (2.58 किमी कुल लंबाई) हैं, जो क्रमशः कोलासिब और आइजोल जिलों के अंतर्गत थिंगडॉल और त्लांगनुअम क्षेत्रों से होकर गुजरती है। यहां 55 प्रमुख पुल हैं, जिनमें से छह 70 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले ऊंचे पुल हैं, 87 छोटे पुल, पांच रोड ओवरब्रिज और आठ रोड अंडरब्रिज हैं।
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