पश्चिम अफ्रीका में नौकरी करने गए तमिलनाडु के 23 मजदूर फंसे, सरकार से बचाने की गुहार

अफ्रिकी देश सेनेगल में नौकरी करने गए तमिलनाडु के 23 मजदूर बगैर वेतन और खाने-पीने के पिछले कई दिनों से वहां फंसे हुए हैं। तमिलमाडु कांग्रेस की अल्पसंख्यक इकाई ने उन्हें वापसलाने की मांग की है।

फोटोः नवजीवन
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नवजीवन डेस्क

पश्चिम अफ्रिका में मजदूरी करने गए तमिलनाडु के रहने वाले 23 मजदूर बगैर खाना पीना के पिछले कई दिनों से वहां फंसे हुए हैं। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से उन्हें वापस लाने के लिए अब तक कोई पहल नहीं किए जाने से नाराज तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष ने बयान जारी कर उन मजदूरों को सुरक्षित देश वापस लाने की मांग की है। तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राज्य अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जे असलम बादशाह ने बयान जारी करते हुए कहा, “अफ्रीका में वानमबाडी के 23 तमिल मजदूर वेतन और खाने के बगैर फंसे हुए हैं, उन्हें वापस लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार फौरन जरूरी कदम उठाए।”

अपने बयान में बादशाह ने बताया कि वामनबाडी के करीब मलागंडा, देवमरतू तहसील, नाडरपल्ली और जोलारमेट इलाके के पेरुमल शंकर, स्वामी नादहन इमायती, राज मनी, मरगनी, करीपन व अन्य उन 23 तमिल मजदूरों में शामिल हैं जो काम की तलाश में विदेश जाना चाहते थे। मंडलवाडी के रमेश नाम के एक एजेंट वे लोग 25-25 हजार रुपये देकर पश्चिम अफ्रीका के एक देश सेनेगल रवाना हुए थे। वहां उन्हें सिर्फ 9500 रुपये वेतन पर नौकरी पर रखा गया था। अनुबंध की मियाद खत्म होने के बावजूद घर वापस भेजने की बजाय उनसे बिना वेतन और खाना-पीना दिए काम कराया जा रहा है।

इस स्थिति में उन्होंने भारतीय दूतावास के अधिकारियों से उन्हें छुटकारा दिलाने और देश वापस भेजने के लिए जरूरी कदम उठाने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजदूरों की वापसी की मांग के आवेदन की प्रति राज्य सचिव और जिला कलेक्टर को भी भेजा गया है।

असलम बादशाह ने अफ्रीकी देश सेनेगल में फंसे 23 तमिल मजदूरों को फौरन बचाकर घर वापस लाने की मांग रखी है। इस मौके पर असलम बादशाह के साथ अल्पसंख्य मोर्चा के दिला अध्यक्ष इलियास खान, नगर अध्यक्ष फरीद और अन्य कई नेता मौजूद थे।

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