सोमवार को दिल्ली की सीमाओं पर 20 फीसदी वाहन ज्यादा पहुंचे, लॉकडाउन से मिली छूट के कारण कई जगह लगा जाम

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त ताज हसन ने बताया कि सोमवार को जाम जैसे हालात नहीं थे, केवल सीमाओं पर पुलिस चेकिंग के चलते ट्रैफिक धीमा हुआ था। उन्होंने कहा कि दफ्तरों के खुलने के कारण सोमवार को दिल्ली की सीमाओं पर 20 फीसदी वाहनों की तादाद बढ़ गई थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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लॉकडाउन 3.0 के पहले दिन शाम के वक्त भी दिल्ली की सीमाओं पर मामूली जाम से हालात देखे गए। इनमें दिल्ली-गुरुग्राम और दिल्ली-नोएडा पर ज्यादा जाम रहा। हालांकि, सोमवार को सुबह इन सीमाओं पर जो बदतर हालात थे, शाम को उतना जाम नहीं रहा। जबकि शाम करीब 6 बजे से 8 बजे तक दिल्ली-गाजियाबाद बार्डर (नेशनल हाईवे-9) पर भी ट्रैफिक रेंग-रेंग कर चलता दिखाई दिया।

सोमवार रात दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त ताज हसन ने कहा, "सोमवार को जाम जैसे हालात कहीं नहीं थे। सीमाओं पर पुलिस पिकेट चैंकिंग के चलते ट्रैफिक धीमा जरुर हुआ। प्राइवेट दफ्तरों के खुलने से 20 फीसदी वाहनों की तादाद भी सीमाओं के प्रवेश द्वारों पर बढ़ गई। जोकि धीरे-धीरे सामान्य ट्रैफिक में बदलती चली गई। कुछ देर के लिए नेशनल हाईवे-8 (दिल्ली-जयपुर हाईवे) और दिल्ली-गुरुग्राम बार्डर पर थोड़ी देर के लिए जाम लगा था। जाम भी वाहनों की तादाद ज्यादा होने की वजह से नहीं लगा। चूंकि दोनो तरफ (दिल्ली-हरियाणा) की पुलिस पिकेट्स पर चैकिंग हो रही थी। इसलिए ट्रैफिक धीमा हुआ।"

दिल्ली के कुछ सीमांत इलाकों में सोमवार शाम के वक्त ट्रैफिक धीमा था, न कि जाम के हालात थे। इसकी वजह वही सुबह वाली रही कि दिल्ली, गाजियाबाद, गुरुग्राम, नोएडा पुलिस अपनी-अपनी सीमा पर चौकसी के लिए मुस्तैद थी। दिल्ली से नोएडा वाया दल्लूपुरा गांव वाले प्रवेश निकास द्वार पर सुबह की तुलना में कम जाम रहा। यहां टोल पर भी कुछ वाहन खड़े देखे गए। धीरे-धीरे यहां से ट्रैफिक निकलता रहा।

वहीं, नोएडा-अक्षरधाम रोड पर मौजूद सीमा पर शाम के वक्त अच्छा खासा जाम देखने को मिला। जाम की दो वजहें थीं। पहली वजह टोल पर खड़े कुछ कमर्शियल वाहन। दूसरी वजह थी बार्डर पर चैकिंग के लिए लगाए गए पुलिस पिकेट और बैरीकेड्स। जिसके चलते वाहनों की कतार लंबी हो गयी। यहां वाहनों को एक-दो मीटर की दूरी पर रोकने की वजह से भी कतार लंबी दिखाई दे रही थी। नेशनल हाईवे-9 दिल्ली-गाजियाबाद बार्डर (किसान चौक) के नीचे भी कुछ धीमी गति वाहनों को रेंगते देखा गया। यहां शाम के वक्त गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले वाहनों की संख्या, दिल्ली से गाजियाबाद जाने वालों की तुलना में काफी कम थी।

इसी तरह महरौली-गुरुग्राम मार्ग पर भी जाम जैसी स्थिति बनी हुई थी। हालांकि यहां भी जाम लंबा नहीं था। मगर पुलिस जांच के चलते वाहनों की कतार जरुर लंबी थी। इसी के चलते ट्रैफिक भी स्लो रहा। कमोबेश यही हाल नेशनल हाईवे-8 पर देखा गया। यहां भी जाम से हालात थे। यहां करीब एक किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा जाम लगा था। उस पर भी पुलिस बैरीकेट्स पर वाहनों की धीमी गति के चलते भी वाहन चालकों को परेशान होते देखा गया।

दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (ट्रैफिक) ताज हसन ने कहा, "दिल्ली में 'लॉकडाउन-3' के पहले दिन कुछ सीमांत इलाकों में जो देखने में जाम सा लग रहा था, वास्तव वह जाम नहीं था। वाहनों की लंबी लाइन स्लो ट्रैफिक के कारण लगी थीं। सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना जरुरी था। कोई वाहन बिना कर्फ्यू पास के या फिर कोई गैर-जरुरी इंसान और वाहन राजधानी में प्रवेश न कर जाए, इसके लिए सीमाओं पर दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को प्रबंध करना था। इसी जांच के चलते कुछ देर के लिए सिर्फ और सिर्फ गुरुग्राम बार्डर पर वाहनों की भीड़ लगी। मगर वो भी एक डेढ़ घंटे में खत्म हो गयी।"

ताज हसन ने आगे कहा, "तीसरे लॉकडाउन के पहले दिन, बाकी दिनों की तुलना में बस अगर राजधानी की सड़कों और सीमाओं पर कोई फर्क पड़ा तो यह कि, वाहनों की संख्या एक अनुमान के मुताबिक 20 फीसदी तक बढ़ी हुई देखने को मिली। जोकि कोई बहुत ज्यादा नहीं कही जा सकती है।"

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