सुप्रीम कोर्ट का आदेश, अब हर विधानसभा क्षेत्र में 1 नहीं, 5 ईवीएम से वीवीपैट का मिलान करे चुनाव आयोग
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शीता और संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान की संख्या बढ़ा दी है। कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि अब हर विधानसभा क्षेत्र में 1 की बजाय 5 ईवीएम का वीवीपैट से मिलान किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में ईवीएम हेराफेरी की आशंका को देखते हुए विपक्षी दलों के 21 नेताओं द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हर विधानसभा क्षेत्र में एक की बजाय पांच बूथों पर ईवीएम और वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के मिलान करने का निर्देश दिया है। इन्हें रैंडम (बेतरतीब) तरीके से चुना जाएगा।
पीठ ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शीता और संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। कोर्ट के निर्देश के अनुसार, प्रत्येक जगह अब पांच ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाएगा। कोर्ट ने कहा वीवीपैट में वृद्धि के लिए न तो अतिरिक्त कार्यबल की आवश्यकता होगी और न ही लोकसभा चुनाव के नतीजों में इससे देरी होगी।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश 21 विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा दाखिल याचिका पर आया है। विपक्ष की मांग थी कि एक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए, जिससे चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता बनी रहे। लेकिन एक तरह से अदालत ने विपक्षी दलों का झटका दे दिया है, क्योंकि कोर्ट ने वीवीपैट से ईवीएम सत्यापन की मात्रा केवल 1.99 फीसदी बढ़ाई है। यानी चुनाव में इस्तेमाल होने वाले कुल 10.35 लाख ईवीएम में से मात्र 20,625 का ही सत्यापन होगा। विपक्षी दलों ने जांच के लिए ईवीएम मशीनों की संख्या बढ़ाकर 5.17 लाख करने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान, सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग से पर्चियों पर उल्लिखित जानकारी और इन पर्चियों की वास्तविकता को प्रमाणित करने की प्रक्रिया से संबंधित कई सवाल पूछे। अदालत ने बताया कि आयोग ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान से ईवीएम मशीनों को सत्यापित करने के लिए उचित नमूना आकार पर सुझाव मांगा था, जिसपर संस्थान ने कहा है कि 479 ईवीएम का नमूना नतीजों में 99.99 फीसदी सटीकता देगा।
हालांकि, विपक्षी दलों की मांग का कोर्ट में चुनाव आयोग ने पुरजोर विरोध किया था। आयोग की ओर से कहा गया था कि ईवीएम और वीवीपैट के बड़े पैमाने पर मिलान से चुनाव परिणाम में 5-6 दिन की देरी होगी। कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि वर्तमान निर्देश से चुनाव परिणाम की घोषणा में देरी नहीं होगी।
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