मोदी के गढ़ काशी में प्रियंका गांधी के रोडशो में उमड़ा जनसैलाब, बोलीं- मोदी सरकार मजबूत नहीं, मगरूर
रोडशो में पांच साल का जनता का दर्द बताती झांकियां भी शामिल रहीं। रोडशो में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में युवा गाजे-बाजे के साथ पहुंचे। प्रियंका के रोडशो के दौरान सभी उनकी एक झलक पाने के लिए आतुर दिखे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को वाराणसी के लंका स्थित मालवीय प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रोडशो शुरू किया। इस दौरान उनके साथ वाराणसी से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद रहे। रोडशो शामिल होने के लिए कांग्रेसियों का भारी जन समूह उमड़ा। प्रियंका ने सड़क पर खड़ी जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया, और डिवाइडर पर खड़े लोगों से हाथ मिलाया।
रोडशो में पांच साल का जनता का दर्द बताती झांकियां भी शामिल रहीं। रोडशो में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में युवा गाजे-बाजे के साथ पहुंचे। प्रियंका के रोडशो के दौरान सभी उनकी एक झलक पाने के लिए आतुर दिखे। जैसे ही उनका काफिला रविदास गेट पहुंचा, वहां खड़े लोगों ने प्रियंका के समर्थन में जमकर नारे लगाए।
अस्सी चौराहे पर कांग्रेस समर्थकों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी की। समर्थकों ने नारे लगाए- "गली-गली में शोर है, चौकीदार चोर है"।
इससे पहले देवरिया के सलेमपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी और उनकी सरकार पर जमकर हमला बोला। प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी की सरकार मजबूत नहीं, बल्कि मगरूर सरकार है।
प्रियंका ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि इनका अहंकार हर रोज इनके भाषणों में दिखता है। जिस तरह से ये बातें करते हैं। इससे पता चलता है कि केंद्र की मोदी सरकार मजबूत नहीं, मगरूर है। उन्होंने देवरिया में बदहाल स्वास्थ्य सेवा की चर्चा करते हुए कहा कि "जिला अस्पताल दलालों के जरिए चलाया जाता है। दवाएं बाहर से आती हैं। यह हाल है मजबूत सरकार की।"
कांग्रेस महासचिव ने पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "जब मैं वाराणसी पहुंची तो हमें लगा कि यहां बहुत विकास हुआ होगा। मैंने अपने पिता के क्षेत्र अमेठी को देखा था। मैं उस समय 10 साल की थी। मैंने पांच साल अमेठी में जो बदलाव देखे, उस तरह का विकास आज तक नहीं देखा। उस समय मेरे पिता देश के प्रधानमंत्री थे। देश में भी कांग्रेस की सरकार थी और प्रदेश में भी। उस तरह का विकास वाराणसी में क्यों नहीं हुआ? जबकि दोनों जगह इन्हीं की सरकार है।"
प्रियंका ने कहा, "मैंने लोगों से पूछा कि प्रधानमंत्री क्षेत्र में आते हैं या नहीं। पता चला आते तो हैं, लेकिन सिर्फ बड़ी-बड़ी मीटिंग के लिए आते हैं। आज तक एक भी गरीब व किसी किसान के परिवार में नहीं गए।"
प्रियंका बोलीं, "हम अमेठी के गांवों में जाते हैं तो वहां पता चलता है कि हमारे पिता भी उस गांव में आए थे। हमारी बातों में गहराई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी विचारधारा जनता को आदर नहीं दे पा रही है। वह समझते हैं कि उनकी मजबूती उनकी सत्ता है। वह भूल गए हैं कि यह सत्ता देने वाला कौन है।"
प्रियंका ने आगे कहा, "पांच साल में जिस प्रधानमंत्री को जनता से मिलने तक की फुर्सत नहीं मिली, वह जनता का क्या भला करेगा। आपने उनको चीन में देखा होगा, जापान में देखा होगा या फिर पाकिस्तान में बिरयानी खाते देखा होगा। कभी भी आपने यह नहीं देखा होगा कि प्रधानमंत्री किसी गरीब के घर गए होंगे, जो मुसीबत में है। वह आज सत्ता के मोह व माया में हैं। जनता से संबंध टूट चुका है। यदि आपने 56 इंच का सीना ताना है तो आज किसान की यह स्थिति क्यों है?"
प्रियंका ने कहा, "गोरखपुर में आक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई। यदि आपकी सरकार इतनी मजबूत है तो कम से कम इन बच्चों को तो बचा सकती थी।"
कांग्रेस महासचिव ने कहा, "जब तब आप इनके झूठे प्रचार से गुमराह होते रहेंगे, तब तक बदलाव नहीं आएगा। लोकतंत्र को मजबूत करने का समय अभी है। आप वोट डालने जाएं तो हमारी बातों का ध्यान रखिएगा। आपके साथ न्याय होगा।"
प्रियंका गांधी की सभा से पहले अचानक आंधी-पानी आने से अफरा-तफरी मच गई। आंधी-पानी के कारण प्रियंका का मंच ढह गया और सभा के लिए लगाई गईं कुर्सियां तहस-नहस हो गईं। इस कारण सभा दो घण्टे विलंब से शुरू हुई।
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