चुनाव कितना निष्पक्ष करा पाया आयोग, यह तो 3500 करोड़ कालाधन जब्त होने से ही साबित हो गया
देश में जारी लोकसभा चुनाव में अब तक कुल 3439 करोड़ रुपये का काला धन पकड़ा गया है, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। ये तमाम रुपये चुनाव आयोग के फ्लाइंग स्क्वॉड ने देश भर में छापेमारी कर जब्त किया है। आखिरी चरण के चुनाव तक इसके अभी और बढ़ने के आसार हैं।
लोकसभा चुनाव अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। अब केवल 19 मई को होने वाला आखिरी चरण का चुनाव बचा है। ये चुनाव जहां राजनीतिक रूप से ऐतिहासिक माना जा रहा है, वहीं कई विवादों के कारण रिकॉर्ड भी बनाता जा रहा है। सबसे बड़ा मामला चुनाव के दौरान काले धन के इस्तेमाल का है।
2014 से तीन गुना ज्यादा कैश बरामद
चुनाव में कड़ाई के तमाम दावों के बावजूद इस चुनाव में अब तक कुल 3439 करोड़ रुपये का काला धन जब्त हो चुका है, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। खास बात ये है कि अंतिम चरण का चुनाव अभी बाकी है और अब तक पिछले आम चुनाव से तीन गुना ज्यादा कैश बरामद हो चुका है। ऐसे में इसके अभी और बढ़ने के आसार हैं। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में आयोग ने कुल 1200 करोड़ रुपये का कैश बरामद किया था।
मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होते ही चुनाव आयोग के फ्लाइंग स्क्वॉड ने देश भर में छापेमारी शुरू कर दी थी। इन छापों में कई राज्यों से आयोग ने करोड़ों रुपये जब्त किए, जिनकी कोई वैध जानकारी नहीं दी गई। अब तक आयोग ने देश भर से कुल 3439 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। इससे पहले किसी लोकसभा चुनाव में इतना कैश नहीं पकड़ा गया है।
तमिलनाडु के बाद गुजरात दूसरे नंबर पर
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस चुनाव में सबसे ज्यादा रुपये तमिलनाडु से बरामद हुए हैं। अब तक तमिलनाडु से 950 करोड़ रुपये जब्त हो चुके हैं। खास बात ये है कि पीएम मोदी का गृह राज्य गुजरात इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। चुनाव आयोग की टीम ने इस पश्चिमी राज्य से 552 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। जबकि देश की राजधानी दिल्ली से इस चुनाव के दौरान 426 करोड़ रुपये जब्त हुए।
चुनाव के दौरान इतने बड़े पैमाने पर काला धन पकड़े जाने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार के तमाम दावों के बावजूद देश में कितनी बड़ी मात्रा में काला धन मौजूद है। खास बात ये है कि ये तो केवल वो रकम है जो चुनाव आयोग ने पकड़े, लेकिन जो रकम नहीं पकड़ी गई वो कितनी होगी, इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है।
शिकायतों के मामले में भी ऐतिहासिक चुनाव
इस लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश से चुनाव आयोग को आचार संहिता की 500 शिकायतें मिलीं। ये शिकायतें नेताओं और लोकसभा उम्मीदवारों द्वारा हेट स्पीच देने और अन्य विवादित बयान देने के खिलाफ की गईं। आयोग को इन पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तक ने फटकार लगाई। खास बात ये है कि इस चुनाव में केवल पीएम मोदी के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं। हालांकि सभी में आयोग ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।
विवादों में और निशाने पर रहा चुनाव आयोग
चुनाव आयोग पर सवालिया निशान लगने के मामले में भी यह लोकसभा चुनाव ऐतिहासिक कहा जाएगा। पूरे चुनाव के दौरान चुनाव आयोग पर पक्षपात करने के आरोप लगे। पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ शिकायतों में उन्हें क्लीन चिट दिए जाने पर विपक्ष ने आयोग पर सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में काम करने का आरोप लगाय।
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