सोनीपत ग्राउंड रिपोर्ट: हरियाणा में भी बीजेपी की हार तय? सबक सिखाने को तैयार हैं किसान

82 साल के मंगेराम भी मोदी सरकार के वादाखिलाफी से खफा हैं। उनका कहना था कि आजादी के बाद की सभी सरकारे और प्रधानमंत्री वो देख चुके हैं, लेकिन जितना इस सरकार ने झूठ बोला आज तक तो किसी सरकार ने नहीं बोला। लेकिन इस चुनाव में जनता उनको सबक जरूर सिखाएगी।

सोनीपत जिले के खरखौदा में बात करते हुए लोग (फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)
सोनीपत जिले के खरखौदा में बात करते हुए लोग (फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)

गेहूं खरीद में अफरातफरी होने के साथ ही सरसों, बाजरा और गन्‍ने की खरीद में सरकार की लापरवाही इस चुनाव में बीजेपी के लिए भारी पड़ने वाला है। सोनीपत के किसान बीेजेपी सरकार को सबक सिखाने की बात कह रहे हैं। किसान धर्म और जात का जहर घोल चुनावी फसल काटने की मंशा रखने वाले नेताओं के प्लान पर पलीता लगाने को तैयार बैठे हैं।

सोनीपत के गन्‍नौर विधानसभा क्षेत्र के गांव पुरखास के किसान जयवीर सिंह राठी कहते हैं, ‘सरकार ने फसल बीमा के बहाने किसान का पैसा तो काट लिया, लेकिन उसे मिला क्‍या? गेहूं की खरीद हो गई, लेकिन पैसे का भुगतान किसान को नहीं हुआ।’ हरियाणा में किसान बीजेपी सरकार से खासे नाराजा हैें। एक और किसान महावीर सिंह कहते हैं, ‘जमींदार से टमाटर पांच रुपए किलो खरीदा जा रहा है और मंडी में 30 रुपये किलो बिक रहा है। सरकार क्‍या किसानों को मारने पर तुली है।’

<b>गेहूं से पटी सोनीपत की नई अनाज मंडी (फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)</b>
गेहूं से पटी सोनीपत की नई अनाज मंडी (फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)

कई किसान सरकार पर गेहूं खरीद जल्दी बंद कनरे के भी आरोप लगाए हैं। सोनीपत जिले के राठधान गांव निवासी संदीप सरोहा और कृष्ण कुमार का कहना है कि एफसीआई ने 30 अप्रैल से ही गेहूं की खरीद बंद कर दी, जबकि अभी भी 30 प्रतिशत गेहूं बिकने के लिए शेष है। किसान इसे कहां लेकर जाएगा। ऐसे में उन्हें औने-पौने दामों पर गेहूं बेचना पड़ रहा है। कुछ ऐसी ही शिकायत जरौठ के किसान कर्ण सिंह और गांव मंडौरा के नरेश दहिया का है। दोनों का ही कहना है कि सरकार की लापरवाही की वजह से इन्हें न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य से एक हजार कम रेट पर सरसों और 5 से 7 सौ रुपए प्रति क्विंटल कम रेट पर बाजरा बेचने को मजबूर होना पड़ा।

<b>सोनीपत के एटलस रोड पर बात करते हुए किसान </b><b>(फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)</b>
सोनीपत के एटलस रोड पर बात करते हुए किसान (फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)

हरियाणा के गन्ना किसान भी कम परेशान नहीं हैं। यहां के किसानों ने सरकार को सबक सीखाने की ठान ली है। किसान नरेश दहिया कहते हैं, ‘ हम चुनाव में सरकार की जातिवाद की सियासत को कामयाब नहीं होने देंगे। किसानों के मुद्दे पर ही हम सरकार को घेरेंगे। सरकार मूल मसलों से ध्‍यान हटाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रही है।’ उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में दोबार मोदी की सरकार बनी तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे। नरेश का कहना था कि, ‘दोबारा मोदी सरकार वापस आ गई तो गेहूं खरीद की भी सीमा तय कर देगी, जिसके बाद तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।’

<b>जींद जिले के जुलाना में बात करते हुए किसान </b><b>(फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)</b>
जींद जिले के जुलाना में बात करते हुए किसान (फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)

हरियाणा सरकार की नीतियों ने यहां के किसानों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। सरकार प्रति एकड़ सिर्फ दो सौ क्विंटल गन्ना ही खरीदती है, जबकि पैदावार है चौर सौ क्विंटल। ऐसे में यहां के किसानों को अपना गन्ने के बेचने के लिए दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है। पेमेंट भी समय पर नहीं मिल पा रहा। किसानों का कहना है कि बीजेपी सरकार की नीतियों की वजह से किसान बर्बाद हो रह हैं।

82 साल के मंगेराम भी मोदी सरकार के वादाखिलाफी से खफा हैं। उनका कहना था कि आजादी के बाद की सभी सरकारे और प्रधानमंत्री वो देख चुके हैं, लेकिन जितना इस सरकार ने झूठ बोला आज तक तो किसी सरकार ने नहीं बोला। कई किसानों ने सरकार पर हरियाणा में खेती किसानी बर्बाद करने के भी आरोप लगाए। किसान भीम सिंह ने कहा कि सरकार ने हरियाणा की खेती-किसानी को बर्बाद कर दिया है। इसकी तस्‍दीक वहीं बैठे कुलवंत सिंह ने भी की। उन्‍होंने कहा कि जींद के करीब 1 लाख 70 हजार मतदाता 12 मई को मतदान में सरकार को इसका जवाब देंगे।

सोनीपत ग्राउंड रिपोर्ट: हरियाणा में भी बीजेपी की हार तय? सबक सिखाने को तैयार हैं किसान

किसान के साथ साथ आढ़तिया भी पेरशान

किसान ही नहीं बल्कि हरियाणा के आढ़तिया भी बीजेपी सरकार से नाराज हैं। सोनीपत अनाज मंडी ट्रेडर्स एसोसिएशन के कोषाध्‍यक्ष प्रवीण गोयल का कहना है कि सरकार पीढ़ियों से चले आ रहे आढ़तियों और किसानों के संबंधों को खत्‍म करने पर तुली है। गेहूं की ई-ट्रेडिंग के खिलाफ हरियाणा में हजारों आढ़तियों की हाल ही में खत्‍म हुई सबसे लंबे समय तक चली हड़ताल पर प्रवीण गोयल का कहना है कि सरकार पर हमारा भरोसा पूरी तरह टूट चुका है। उनका कहना है कि महज चुनाव की वजह से ई-ट्रेडिग खत्‍म करने का झूठा आश्‍वासन देकर सरकार ने हमारी हड़ताल खत्‍म करवाई है। हरियाणा की 130 मंडियों के हजारों आढ़तियों के लिए चुनाव में यह ब़डा मुद्दा है। प्रवीण गोयल का कहना है सरकार ने जीएसटी व नोटबंदी समेत, जितने भी निर्णय लिए हैं सभी जल्‍दबाजी में और बिना सोचे-समझे लिए हैं।

<b>सोनीपत अनाज मंडी ट्रेडर्स एसोसिएशन के कोषाध्‍यक्ष प्रवीण गोयल </b><b> </b><b>(फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)</b>
सोनीपत अनाज मंडी ट्रेडर्स एसोसिएशन के कोषाध्‍यक्ष प्रवीण गोयल (फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी)

सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के समीकरण

1977 में अस्तित्‍व में आए सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में 15 लाख 27 हजार 895 मतदाता हैं। यहां करीब सवा पांच लाख जाट मतदाता हैं। ब्राम्‍हण मतदाता करीब डेढ लाख हैं। यहां अभी तक हुए 11 चुनावों में 9 बार जाट प्रत्‍याशी ही जीता है। इस लोक क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें से छह गन्‍नौर, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बरौदा सोनीपत जिले में तथा जींद, जुलाना और सफीदों जींद जिले में हैं। सोनीपत लोकसभा सीट पर मुकबाला बड़ा रोचक है। रोहतक के गढ़ी सांपला-किलोई से कांग्रेस के मौजूदा विधायक और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, सोनीपत से संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं और बीजेपी के मौजूदा सांसद रमेश चंद्र कौशिक और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दिग्विजय सिंह चौटाला के खिलाफ खड़े हैं।

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Published: 07 May 2019, 6:00 PM